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मुजफ्फरपुर के पांच प्रखंडों में चमकी का अधिक असर

मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार व एइएस से बच्चों को मौत आगे नहीं हो. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे साल यहां बच्चों की देखरेख करेगा. बच्चों का इलाज करने आयी केंद्रीय टीम ने कहा कि मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बोचहां, मुशहरी व कांटी प्रखंडों में सबसे अधिक चमकी बुखार का असर दिखा है. केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य […]

मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार व एइएस से बच्चों को मौत आगे नहीं हो. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे साल यहां बच्चों की देखरेख करेगा. बच्चों का इलाज करने आयी केंद्रीय टीम ने कहा कि मुजफ्फरपुर के मीनापुर, बोचहां, मुशहरी व कांटी प्रखंडों में सबसे अधिक चमकी बुखार का असर दिखा है. केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य विभाग से इसकी अनुशंसा भी की है. इसमें कहा गया है कि जिले के चार ऐसे प्रखंड हैं, जहां से सबसे अधिक बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुंचे हैं. चारों प्रखंड डेंजर जोन में आते हैं.

प्रखंड स्तर पर खोले जाएं कुपोषण केंद्र : चमकी बुखार व एइएस से जो बच्चे बीमार हुए हैं, उनमें सबसे अधिक कुपोषित बच्चे हैं. केंद्रीय टीम ने कहा है कि अगर क्षेत्र में कुपोषित बच्चों की पहचान कर उनका इलाज किया जाये, तो वे इस बीमारी की चपेट में नहीं आयेंगे. उन्होंने कहा है कि प्रखंड स्तर पर भी कुपोषण केंद्र खोला जाये.
मीनापुर, बोचहां, मुसहरी व कांटी प्रखंडों में सालों भर बच्चों की होगी देखरेख
गया में एइएस के पांच नये संदिग्ध मरीज भर्ती
गया. मगध मेडिकल अस्पताल में शुक्रवार को एइएस के पांच नये मरीजों को भर्ती किया गया है. मगध मेडिकल अस्पताल से जांच के लिए अब तक 10 बच्चों के सैंपल राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पटना भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. हालांकि, दो बच्चों की मौत पहले हो चुकी है और आठ मरीजों का इलाज चल रहा है. मरीजों में औरंगाबाद के गोह व गोड़कट, गया के वजीरगंज के महोवत व झार, खिजरसराय के बकथर, आमस के वृंदावन, डुमरिया के अंबाबार व शेरघाटी के खंडैल के शामिल हैं.
चमकी बुखार से फिर एक बच्ची ने तोड़ा दम
मुजफ्फरपुर. एसकेएमसीएच में चमकी बुखार से शुक्रवार को फिर एक बच्ची की मौत हो गयी. उसकी पहचान सीतामढ़ी के महिंदवारा की सात वर्षीया सूर्यकला कुमारी के रूप में हुई. हालांकि, शुक्रवार को चमकी बुखार से कोई भी बच्चा भर्ती नहीं हुआ है. चमकी बुखार से अबतक 193 बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि 540 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 428 बच्चे भर्ती हुए है, जिसमें 117 बच्चों की मौत हुई हैं. इनमें से 298 बच्चों को अस्पताल से ठीक होने पर छुट्टी दे दी गयी.

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