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चौपट व्यवस्था से होकर भक्त पहुंचेंगे बाबा के दरबार

मुजफ्फरपुर: पहलेजा से जल लेकर आने वाले कांवरियां को बाबा की नगरी में कई तरह की बाधाओं को ङोलना पड़ेगा. शहर के प्रवेश द्वार रामदयालु गुमटी से गरीबस्थान मंदिर तक 4.1 किलो मीटर की यात्र सहज नहीं होगी. नगर निगम प्रशासन की सुस्ती व लापरवाही कांवरिया मार्ग से लेकर ठहराव स्थलों पर साफ दिखाई देती […]

मुजफ्फरपुर: पहलेजा से जल लेकर आने वाले कांवरियां को बाबा की नगरी में कई तरह की बाधाओं को ङोलना पड़ेगा. शहर के प्रवेश द्वार रामदयालु गुमटी से गरीबस्थान मंदिर तक 4.1 किलो मीटर की यात्र सहज नहीं होगी. नगर निगम प्रशासन की सुस्ती व लापरवाही कांवरिया मार्ग से लेकर ठहराव स्थलों पर साफ दिखाई देती है. रामदयालु गुमटी प्रवेश द्वार के पास ही सड़क के दोनों तरफ शहर का सैकड़ों टन कूड़ा पड़ा है.

जहां जगह मिलती है, वहीं कूड़ा डंप करना शुरू कर दिया जाता है. यहां कूड़े के सड़ने से जो सड़ांध निकलती है. उसकी वजह कांवरियों को इस जगह से गुजरना मुश्किल भरा होगा, लेकिन इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं दिखता है. निगम की ओर से जिस तरह से कांवरिया पथ पर साफ-सफाई आदि की व्यवस्था की जा रही है. उसको देखते हुये आशा करना कि कूड़ा यहां से हट जायेगा, बेमानी होगा.

थोड़ा आगे बढ़ने पर रामदयालु स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क के किनारे ही मोहल्ले का कूड़ा का टाल लगा है. सबसे बड़ी परेशानी रोशनी की थी. रामदयालु गुमटी से लेकर आरडीएस कॉलेज तक 16 वेपर लाइट बंद थे. सड़कों पर अंधेरा छाया था. प्रवेश द्वार से चलने के बाद शहर के पहले कांवरियां ठहराव स्थल आरबीटीएस कॉलेज के तैयारियों की बात की जाये तो यहां पूरी व्यवस्था ही चौपट है. परिसर में पिछले पांच दिनों में झाड़ तक को नहीं काटा गया है. आरडीएस कॉलेज में सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गयी है. यहां मैदान में पंडाल के लिए बांस-बल्ला लगाने का काम जारी है.

नहीं ठहर सकते कांवरियां

कांवरियों का दूसरा ठहराव स्थल मुक्तिनाथ मंदिर से सटे बिजली ऑफिस को बनाया गया है, लेकिन यह जगह कांवरियों के ठहरने लायक नहीं है. परिसर में अभी भी जलजमाव व कीचड़ के कारण पैर रखना मुश्किल है. चारों लगे जंगल-झाड़ निगम के सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहा था. स्थानीय लोगों ने बताया की यहां एक दिन भी सफाई नहीं हुई है. यहां से आगे बढ़ने पर अघोरिया बाजार चौक तक कुल 14 वेपर ठप पड़ा था. साथ ही जेनिथ पेट्रोल पंप के सामने से अघोरिया बाजार चौक तक खुला नाला कांवरियों के लिए मुसीबत बन सकता है.

शुद्ध पानी पर भी मुसीबत

अघोरिया बाजार से आगे आमगोला की ओर बढ़ने पर ओरियंट क्लब के पास निगम का नलका इतनी गंदगी में लटक रहा था. नलका की हालत देख कर चाह कर लोग पानी नहीं पी सकते. नाला से सटे नलका के पास गंदगी का अंबार लगा था. यहां से लेकर मंदिर तक करीब आधा दर्जन चापाकल व नलका सूखा पड़ा था. दूसरी ओर अघोरिया बाजार से हरिसभा चौक तक कुल 17 वेपर रोशनी नहीं निकल रही थी. साथ ही स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण पूरा आमगोला फ्लाइ ओवर पर अंधेरा छाया था.

कांवरियां मार्ग में सिल्ट

छोटी कल्याणी से आगे मेयर आवास के रोड में 40 से 50 फिट लंबाई में नालों से सिल्ट निकाल कर बीच सड़क पर डाल दिया गया. श्रवणी मेला शुरू होने से ठीक दो दिन पहले सड़क को निगम प्रशासन ने नरक बना दिया है. यहां से कुछ कदम आगे बढ़ने पर दीपक सिनेमा रोड में सड़क पर ही कूड़ा का अंबार लगा था. ठीक बगल में नाला बजबजा रहा था. सबसे अधिक खुले नाले इसी पथ में है. जो रात के अंधेरे में काफी खतरनाक साबित हो सकता है.

कदम-कदम पर कूड़ा

मेला की तैयारी पूरा करने का गुरुवार को अंतिम दिन है, लेकिन बाबा गरीबस्थान मंदिर पहुंचने से कुछ कदम पहले पुरानी बाजार चौक पर कूड़े का अंबार लगा है. वहां से आगे बढ़ने पर पर माखन साह चौक पर गोलंबर से सटे गंदगी के कारण नाक देना मुश्किल है. ऐसी व्यवस्था के बीच 48 घंटे बाद जब कांवरिये लगभग पचास किलोमीटर यात्र करके इस रास्ते से गुजरेंगे, तो उन्हें किस कदर परेशानी होगी. इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.

मंदिर के सामने नाला खुला

सबसे चकित करने वाली बात यह है कि मंदिर के सामने का नाला करीब 10 फिट में खुला पड़ा है. जो काफी खतरनाक है. खुला नाला होने के कारण आसपास नारकीय स्थिति के कारण श्रद्धालु खड़ा भी नहीं हो सकते है. यहां बता दें कि हरिसभा चौक से मंदिर तक कुल 26 वेपर लाइट बंद थे. सिर्फ मंदिर क्षेत्र में पाइप लगा कर बैरिकेटिंग का काम पूरा कर लिया गया है. वहीं छाता बाजार चौक के पास वाच टावर के लिए बांस बल्ला लगाया जा रहा था. अंतिम ठहराव स्थल डीएन हाइस्कूल में पंडाल लगाने की तैयारी चल रही थी. मरम्मत के नाम खानापूर्ति रामदयालु गुमटी से गरीबस्थान मंदिर तक बुधवार की रात आनन-फानन में जजर्र जगहों पर सड़कों की मरम्मत करायी गयी है, लेकिन कई जगहों पर सड़क उबड़-खाबड़ है. मरम्मत की जगह पर चारों ओर गिट्टी उखड़ी पड़ी है. अलकतरा के साथ रोलर ठीक से नहीं चलाया गया है. ऐसा लगता है, मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की गयी है. ऐसा नहीं है, इसे किसी ने देखा नहीं है. गुरुवार को दिन में श्रवणी मेला की तैयारी में लगे अधिकारी इस सड़क का चक्कर लगा रहे थे.

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