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कुलसचिव, एफओ व सीइ को हटाने की अनुशंसा

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में अधिकारियों के बीच जारी विवाद गहराता जा रहा है. नये घटनाक्रम में प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने अनुशासनहीनता, अकर्मण्यता व कार्य करने में अक्षमता का आरोप लगाते हुए तीन शीर्ष अधिकारियों, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, वित्त अधिकारी जेएनपी सिंह व परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार सिंह को उनके पद से […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में अधिकारियों के बीच जारी विवाद गहराता जा रहा है. नये घटनाक्रम में प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने अनुशासनहीनता, अकर्मण्यता व कार्य करने में अक्षमता का आरोप लगाते हुए तीन शीर्ष अधिकारियों, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, वित्त अधिकारी जेएनपी सिंह व परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय कुमार सिंह को उनके पद से हटाने की अनुशंसा कुलपति से की है. इस संबंध में सोमवार की देर शाम उन्होंने कुलपति को पत्र लिखा है. पत्र की कॉपी राजभवन को भी भेजी गयी है. प्रतिकुलपति के इस कदम से अब सबकी निगाहें कुलपति डॉ पंडित पलांडे पर टिक गयी है, जो फिलहाल मामले में चुप्पी साधे हैं.

अपने पत्र में प्रतिकुलपति ने कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला पर निशाना साधते हुए उन पर अनुशासनहीनता व आज्ञा की अवहेलना करने का आरोप लगाया है. उनके अनुसार डॉ सिंह के कारण विवि के हित प्रभावित हो रहे हैं. छात्र कल्याण, शैक्षणिक सत्र के नियमितीकरण, वित्त व प्रशासनिक अनुशासन प्रभावित हो रहा है. विवि अकाउंट, परीक्षा व विवि की ओर से किये गये अनुबंध के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य को भी वे छुपाते हैं. ऐसे में कुलसचिव के रू प में उनके अधिकार को तत्काल प्रभाव से जब्त कर उन्हें उनके मूल पद पर भेज दिया जाये.

एफओ पर है चाजर्शीट, उम्र का भी असर : प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने अपने पत्र में वित्त अधिकारी जेएनपी सिंह पर भी निशाना साधा है. उनके अनुसार सेवानिवृत्त श्री सिंह पर उम्र का असर दिख रहा है और वे इसकी कई समस्याओं से भी ग्रसित हैं. इसके अलावा वे निगरानी थाने में दर्ज एक मामले (केस नंबर-16/2014, दिनांक- 26/2/14) में उन पर चार्ज शीट भी दर्ज है. ऐसे में उनकी जगह किसी युवा, योग्य व अनुभवी व्यक्ति जिसे अकाउंट, विवि कानून की अच्छी जानकारी हो, को नया वित्त पदाधिकारी बनाया जाये.

आखिर कुलपति क्यों नहीं कर रहे पहल? : प्रतिकुलपति व कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला के बीच परीक्षा विभाग के कंप्यूटराइजेशन को लेकर पिछले करीब एक पखवाड़े से खींचतान जारी है. विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रतिकुलपति ने कुलसचिव पर जेपी प्रिंटर्स के साथ टीआर व मार्क्‍स फाइल आपूर्ति के संबंध में हुए अनुबंध की जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछा. इसके अगले दिन प्रतिकुलपति ने दुबारा कुलसचिव को एक पत्र लिखा व उनसे पिछले दो सालों में परीक्षा से संबंधित हुए खर्च की जानकारी मांगी. कुलसचिव ने इस पर आपत्ति जताते हुए इस मामले में कुलपति डॉ पंडित पलांडे से दिशा-निर्देश मांगा. पर उनकी ओर से इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया गया. इस बीच प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने कुलसचिव को जवाब के लिए स्मार पत्र भी भेज दिया. सोमवार को प्रतिकुलपति की ओर से विवि के तीन शीर्ष अधिकारियों को हटाये जाने के संबंध में भेजे गये पत्र के बारे में भी मंगलवार की शाम तक कुलपति ने चुप्पी साधे रखी. इधर, कुलानुशासक डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, प्रतिकुलपति ने गोपनीय पत्र लिखा है जो कुलपति के विचाराधीन है.

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