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मुजफ्फरपुर : मेयर व नगर आयुक्त में बढ़ी तकरार फिर मंत्री के हस्तक्षेप की आयी नौबत

मुजफ्फरपुर : नगर निगम के 43 वार्ड तहसीलदारों का लॉटरी सिस्टम से हुए तबादले पर नगर आयुक्त व मेयर के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मेयर सुरेश कुमार लगातार दूसरे दिन नगर आयुक्त संजय दूबे को एक चार पन्ने का पत्र लिख कर तबादले को गलत व नियम के विपरीत करार दिया है. जबकि, […]

मुजफ्फरपुर : नगर निगम के 43 वार्ड तहसीलदारों का लॉटरी सिस्टम से हुए तबादले पर नगर आयुक्त व मेयर के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मेयर सुरेश कुमार लगातार दूसरे दिन नगर आयुक्त संजय दूबे को एक चार पन्ने का पत्र लिख कर तबादले को गलत व नियम के विपरीत करार दिया है. जबकि, नगर आयुक्त सशक्त स्थायी समिति के निर्णय का हवाला देते हुए अपने फैसले पर अडिग हैं.
उनका कहना है कि यह फैसला भ्रष्टाचार को खत्म करनेवाला है. इस बीच नगर आयुक्त संजय दूबे को उप मेयर मानमर्दन शुक्ला व मंत्री सुरेश शर्मा का समर्थन मिलने से मामले ने तूल पकड़ लिया है. मेयर के पक्ष में पार्षदों की गोलबंदी शुरू हो गयी है. बताया जाता है कि नगर आयुक्त के खिलाफ पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त निंदा प्रस्ताव भी सरकार को भेजने की गोपनीय तैयारी शुरू हो गयी है.
मेयर ने मामले की शिकायत मंत्री सुरेश शर्मा से उनके मोबाइल पर कॉल कर की. ऐसे में अब बिना मंत्री के हस्तक्षेप मामला शांत होने वाला नहीं है. मंत्री ने कहा कि अभी वे दिल्ली में हैं. शनिवार को मुजफ्फरपुर आयेंगे. तब फिर से दोनों लोगों को बैठा मामला को शांत करा देंगे.
तहसीलदाराें को अल्टीमेटम
मेयर सुरेश कुमार की आपत्ति व तबादले प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले के बीच नगर आयुक्त संजय दूबे ने नये वार्ड में योगदान नहीं करने वाले तहसीलदारों को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है. साथ ही तीनों टैक्स दारोगा व अकाउंट शाखा को ऐसे तहसीलदार जो योगदान नहीं कर रहे हैं. उसकी सूची उपलब्ध कराते हुए उनके वेतन पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया है. इसके बाद मेयर की नाराजगी और बढ़ गयी है.
अधिकार क्षेत्र से बाहर काम कर रहे नगर आयुक्त : मेयर
मेयर ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में नगर आयुक्त के ऊपर जानबूझकर जनप्रतिनिधि (मेयर) को अपमानित करने व अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नियम के विपरीत निर्णय लेने जैसे कई गंभीर आरोप लगाया गया है. मेयर ने पत्र में पटना हाइकोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया है
. इसमें 04 अगस्त, 2017 को हाइकोर्ट ने कार्यपालक पदाधिकारी (नगर आयुक्त) को निर्वाचित जनप्रतिधियों का आदर करते हुए निकायों द्वारा लिये गये निर्णय के तहत काम करने का आदेश दिये हुए हैं. इ
सके अलावा हाइकोर्ट ने जनप्रतिनिधियों के सम्मान में कई तरह के सुझाव पर भी अपना फैसला सुनाये हुए है. जिसे लागू करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 06 अक्तूबर 2017 को सभी नगर आयुक्त को भेज चुका है.
मेयर ने मुझे कॉल कर शिकायत की है. मैं अभी दिल्ली में हूं. पटना लौटने पर नगर आयुक्त से बात करूंगा. ऐसे हर छोटी-छोटी बात पर उलझना गलत है. अगर ऐसे ही एक-दूसरे की गलती को खोज उलझते रहेंगे, तो शहर का विकास बाधित होगा. जानकारी के अनुसार तबादले की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गयी है, इसमें कोई शंका नहीं है. मामला सिर्फ मेयर से राय-मशविरा नहीं करने का है.
सुरेश शर्मा, नगर विकास एवं आवास मंत्री बिहार सरकार
सामूहिक ट्रांसफर का फैसला सही
मुजफ्फरपुर. निकटतम प्रत्याशी संघ के अध्यक्ष सुधीर ठाकुर, महेश महतो, जफिर फरियादी, मो सहजाद, कन्हैया गुप्ता आदि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नगर निगम में तहसीलदारों का हुए सामूहिक तबादला को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त ने पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई बड़ा फैसला लिया है. इससे निगम की आमदनी बढ़ेगी. एक ही जगह पर सालों से जमे तहसीलदार पब्लिक को टैक्स की चोरी करना सीखा अपनी पॉकेट भर रहे थे.

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