मुजफ्फरपुर: शहर के प्रमुख व्यवसायियों, सामाजिक व राजनीतिक प्रतिनिधियों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर दिया है. एक स्वर से उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं के समाधान के लिए गठित निगम सरकार घोटाले का अड्डा बन कर रह गयी है. नगरवासी शहर की नारकीय स्थिति से ऊब चुके हैं.
निष्क्रिय हो चुकी संस्था को पटरी पर लाने के लिए व्यापक जन आंदोलन ही अंतिम विकल्प है.निगम की कुव्यवस्था से मुक्ति दिलाने के लिए रविवार को विधायक सुरेश शर्मा के चक्कर मैदान स्थित कार्यालय में एक बैठक हुई. इसमें बड़ी संख्या में जुटे बुद्धिजीवियों ने साफ तौर पर कहा कि अब निगम के सुधार के लिए लोग आर पार के मूड में आ गये हैं. अध्यक्षता समाजसेवी श्रीराम बंका ने की. सुरेश शर्मा ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि कुव्यवस्था का अखाड़ा बन चुके नगर निगम को पटरी पर लाने के लिए वे कमर कस चुके हैं. निगम के घेराव के लिए पांच जून तक रणनीति तैयार कर ली जायेगी. पूर्व में घोषित 15 दिन की मियाद पूरी होने के साथ चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो जायेगा.
जनता के लिये बोझ बना निगम
विधान पार्षद नरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि निगम की संपूर्ण कार्यप्रणाली ध्वस्त हो चुकी है. नगर निगम जनता की समस्याओं के निदान के लिए बना था, आज यह बोझ बन कर रह गया है. जदयू नेता भगवान लाल सहनी ने कहा कि जनता बेचैन है. शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जलजमाव शहर की पहचान बन चुकी है. पूर्व कुलपति रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि शहर की स्थिति में सुधार लाने के लिए ईमानदार पहल की आवश्यकता है.
शहर को मास्टर व सिवरेज प्लान की जरूरत है. इसके लिए आम जनता नगर विधायक के साथ खड़ा होकर निगम के खिलाफ आंदोलन करें. वरिष्ठ समाज सेवी राजेश्वर प्रसाद सिंह भिखारी ने निगम के व्यवस्था के सुधार के लिए हर वार्ड में एक निगरानी कमेटी बनाने का सुझाव दिया. युवा नेता अजय निषाद ने नगर विधायक को तीन चार वार्ड का चयन कर आदर्श वार्ड बनाने का अपने स्तर से पहल करने का सुझाव दिया. भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह व जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने निगम के सुधार के लिए नैतिक व सांगठनिक समर्थन देने की बात कही.
बैठक में विधायक प्रवक्ता संजीव कुमार सिंह,मनोरंजन शाही, रविंद्र सिंह, विष्णुकांत झा, पुरुषोत्तम पोद्दार, रंजना श्री वास्तव, ममता रानी, खुर्शीद अनवर, अरमान, नीलेश कुमार वर्मा, अजरुन राम, त्रिभुवन राय, शीतल गुप्ता, मो अंजार, सुमन तिवारी, केपी पप्पू, पार्षद पति हरिओम कुमार, लोहा सिंह, संजीव रंजन, संजय कुमार सिन्हा, केदार गुप्ता, महेश्वर प्रसाद सिंह, शाहिद इकबाल मुन्ना, अंजू रानी, सत्येद्र कुमार टुनटुन, आलोक वर्मा, विजय लोहिया, गौनोर महतो, आनंद प्रकाश मिटूं, प्रो विजय कुमार जायसवाल, श्याम गोयनका, सुरेश कुमार, पवन बंका, सुमित कुमार, पांडेय सुशील, भोला चौधरी, किरण देवी, गायत्री पटेल, डॉ संगीता कुमारी, शिव कुमार जालान, तारा शंकर प्रसाद, मो सनाउल्लाह ने अपने विचार रखे., चद्रभूषण सिंह, कन्हैया कुमार, प्रमोद कुमार शर्मा, संजीव कुमार, रवि गुप्ता, अशोक कुमार पप्पू, राज कुमार वर्मा, आशीष साहू, उदय शेकर नन्हें, संतोष कुमार ने अपने विचार प्रकट किये.