हथौड़ी : डीहजीवर गांव में नक्सली मिथिलेश राम के घर के पास रविवार को सन्नाटा पसरा हुआ था. मिथिलेश राम के एसएसपी के समक्ष आत्मसमर्पण के सम्बन्ध में पूछे जाने पर कोई ग्रामीण कुछ बोलने को तैयार नहीं था. परिवार के लोग भी कुछ नहीं बता रहे थे. काफी कुरदने पर मिथिलेश के बड़े भाई नंद किशोर राम कुछ बताने को तैयार हुआ. उसने बताया कि राजगीर राम के चार लड़कों में सबसे छोटा मिथिलेश है. जब वह छोटा था तब पिता जी वर्ष 2001 में त्रिस्तरीय चुनाव जीत कर डीहजीवर गांव से पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुए थे. इसके बाद उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी.
लोकप्रियता को देख कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भी बढ़ने लगी. पिता व दबंगों ने मारपीट भी पिता जी के साथ गांव के दबंग लोगों ने मारपीट की थी. इसका मिथिलेश के मन पर बुरा प्रभाव पड़ा था. बचपन में ही उसने बदला लेने को ठान लिया. इसी क्रम में 2012 में कट्टा के साथ वह गिरफ्तार हो गया. जेल गया. 2015 में जेल से छूट गया. जेल में उसका संबंध कई नक्सली नेताओं से हो गया. मिथिलेश को प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी का एरिया कमांडर बना दिया गया. .
फिर 2015 में ही हथौड़ी पुलिस ने मिथिलेश राम को लीची कारोबारी से रंगदारी मांगते रंगोंहाथों कारबाइन के साथ गिरफ्तार कर लिया. हाल ही में गांव में ही रंगदारी मांगने व गोलीबारी कर दहशत फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. नक्सली गतिविधि में आने के बाद उसका परिवार से कोई संबंध नहीं रहा था.