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मुख्यमंत्री बदले तो बदलना चाहिए थे मंत्री

मुजफ्फरपुर: नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के निर्णय का जदयू नेताओं ने स्वागत किया है. इसके लिए नीतीश कुमार व नये मुख्यमंत्री को बधाई भी दी है. वहीं मंत्रिमंडल में पुराने चेहरे को फिर से शामिल करने पर आपत्ति भी जतायी है. जदयू नेताओं ने कहा की […]

मुजफ्फरपुर: नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के निर्णय का जदयू नेताओं ने स्वागत किया है. इसके लिए नीतीश कुमार व नये मुख्यमंत्री को बधाई भी दी है. वहीं मंत्रिमंडल में पुराने चेहरे को फिर से शामिल करने पर आपत्ति भी जतायी है.

जदयू नेताओं ने कहा की जब सीएम बदले तो मंत्रिमंडल भी बदलना चाहिए. नीतीश ने हार की जिम्मेवारी लेकर पद से इस्तीफा दे दिया, तो पुराने सभी मंत्रियों को भी इस्तीफा देना चाहिए, और नये लोगों को शामिल किया जाना चाहिए. जदयू के प्रदेश महासचिव इसराइल मंसूरी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री बदल गये तो पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया जाना चाहिए. बदलाव हुआ तो दिखना चाहिए. जब सीएम नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देते हैं तो उनके कार्यकाल के मंत्री को पद पर बने रहना उचित नहीं है. वरिष्ठ जदयू नेता नरेंद्र पटेल ने कहा, नीतीश कुमार जी का फैसला सही है. जब सीएम बदल गये तो मंत्रिमंडल को बदल देना चाहिए. उन्होंने कहा, मंत्रियों का दायित्व बनता है कि वे भी अपनी नैतिक जिम्मेवारी को समझते हुए इस्तीफा दें.

मंत्रिमंडल गठन के बाद निराश हैं विधायक

भाजपा से गंठबंधन टूटने के बाद से ही मंत्री बनने की उम्मीद पाले विधायकों को नये मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी है. चुनाव में कई विधायकों ने अपने दल के प्रत्याशी को जिताने की पूरी ताकत लगा दी थी. नरेंद्र मोदी की लहर में उन्हें निराशा ही हाथ लगी. कोई भी विधायक अपने क्षेत्र में दल के प्रत्याशी को बढ़त नहीं

दिला पाये.

इससे रिजल्ट के साथ ही उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया था. वे मंत्री पद के लिए दावा ठोकने की स्थिति में नहीं रहे. फिर भी उन्हें यह उम्मीद थी कि भाजपा कोटे के मंत्रियों के हटने के बाद खाली जगह पर उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है.

इसी बीच नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया.

राजनीतिक घटनाक्रम के बीच जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बन गये. फिर उन विधायकों को आस जगी की कुछ पुराने मंत्री हटेंगे और भाजपा कोटे की खाली जगह को भी भरा जायेगा. इसमें उन्हें स्थान जरूर मिलेगा. लेकिन नयी टीम में भी सभी पुराने मंत्री ही शामिल हो गये. खाली जगह का विस्तार नहीं हुआ. इससे उन्हें निराश होना पड़ा. हालांकि जिले के कई विधायक अभी भी पटना में डेरा डाले हुए हैं. अपने-अपने तरह से लॉबी कर रहे हैं. उन्हें भरोसा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और वे मंत्री बनेंगे.

पूर्व मंत्री व मीनापुर विधायक दिनेश कुशवाहा का कहना है कि मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है. वे जिसे चाहें मंत्री बना सकते हैं. मैं पार्टी का वफादार सिपाही हूं. अपने दायित्व को निभाता आ रहा हूं. आगे भी निभाता रहूंगा. श्री कुशवाहा सोमवार को ही पटना से घर वापस लौट गये.

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