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विवि ने वसूले दस लाख, इलाज नदारद

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्र बिना इलाज के ही दो साल से डॉक्टर की फीस दे रहे हैं. विश्वविद्यालय का एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र का शटर कई वर्षों से गिरा हुआ है. आसपास गंदगी पसरी हुई है. वर्ष 2016 में यहां की डॉक्टर करुणा ओझा रिटायर कर गयीं. इसके बाद नये डॉक्टर की […]

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्र बिना इलाज के ही दो साल से डॉक्टर की फीस दे रहे हैं. विश्वविद्यालय का एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र का शटर कई वर्षों से गिरा हुआ है. आसपास गंदगी पसरी हुई है. वर्ष 2016 में यहां की डॉक्टर करुणा ओझा रिटायर कर गयीं. इसके बाद नये डॉक्टर की पोस्टिंग यहां नहीं की गयी. स्वास्थ्य केंद्र बंद रहने से छोटी-मोटी बीमारियों में भी विश्वविद्यालय के छात्रों को निजी डॉक्टरों के पास जाना होता है.

दाखिले के समय लिए जाते हैं दस रुपये : विश्वविद्यालय में दाखिले के समय प्रत्येक छात्र से स्वास्थ्य सेवा के नाम पर दस रुपये लिए जाते हैं. विश्वविद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या करीब पांच लाख है. विवि सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र का इस्तेमाल वहीं छात्र करते हैं, जो यहां रहते हैं. करीब 50 हजार छात्र विश्वविद्यालय व मुजफ्फरपुर के आसपास के काॅलेजों में पढ़ते हैं. यानी एक साल में 50 हजार छात्रों से दस रुपये के हिसाब से पांच लाख और दो साल में दस लाख रुपये विवि के पास जमा हो गये हैं.
कई बीमारियों की दवाएं भी नहीं : विवि के हाॅस्टलों में रहने वाली छात्राओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब यह स्वास्थ्य केंद्र चलता भी था, तो बहुत सी बीमारियों की दवाएं नहीं मिलती थीं. अब तो पूरी तरह से यह ठप पड़ा हुआ है. ज्यादा समस्या होने पर यहां से कह दिया जाता था कि बाहर जाकर इलाज करवा लें.
यूजीसी से भी मलती है राशि: स्वास्थ्य केंद्र के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी राशि मिलती है. यह राशि सालाना करीब पांच लाख रुपये होती है. यानी यहां भी दस लाख रुपये विवि को स्वास्थ्य केंद्र के रूप में दो सालों में मिल चुके हैं. लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही से स्वास्थ्य केंद्र ठप पड़ा हुआ है.
सरकार भी नहीं ले रही सुधि: विवि के शिक्षकों ने बताया कि सरकार भी विवि के स्वास्थ्य केंद्र के प्रति सुधि नहीं ले रही है. विवि के स्वास्थ्य केंद्र के पास सारी सुविधाएं हैं. अगर स्थायी डॉक्टर की व्यवस्था हो जाये, तो छात्रों को काफी फायदा होगा.
होम्योपैथिक डॉक्टर की हुई नियुक्ति : वीसी
कुलपति प्रो अमरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में फिलहाल एक होम्योपैथिक डॉक्टर को यहां बैठने को कहा गया है. इससे छात्रों को कुछ फायदा मिलेगा. राजभवन में भी स्वास्थ्य केंद्र पर चर्चा हुई थी. अब विचार किया जा रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र एक अंग्रेजी और एक होम्योपैथिक डॉक्टर रहे. वहीं, विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ सदानंद सिंह ने बताया कि बिहार सरकार के निर्देश के बाद जल्द स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की बहाली की जायेगी. इसका विज्ञापन निकाला जायेगा. अभी सरकार से बहाली पर रोक लगी हुई है.

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