प्रभात खबर की ओर से ‘बचपन बचाओ अभियान’ की हुई शुरुआत
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बच्चों को लौटा दें बचपन, संवर जायेगी जिंदगी
प्रभात खबर की ओर से ‘बचपन बचाओ अभियान’ की हुई शुरुआत मुजफ्फरपुर : बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं. उनके मन में कोई भेदभाव नहीं होता, कोई तनाव भी नहीं. जमकर मस्ती करने, हंसने-खिलखिलाने व शरारतें करने की पूरी छूट. बचपन की मस्ती बच्चों का अधिकार है. इसे छीनने की छूट किसी को नहीं. […]
मुजफ्फरपुर : बच्चे कोरे कागज की तरह होते हैं. उनके मन में कोई भेदभाव नहीं होता, कोई तनाव भी नहीं. जमकर मस्ती करने, हंसने-खिलखिलाने व शरारतें करने की पूरी छूट. बचपन की मस्ती बच्चों का अधिकार है. इसे छीनने की छूट किसी को नहीं. पूरी धरती बच्चों के लिए ही है. वह चाहे जितनी दूर तक दौड़ें, चाहे जितना मौज करें. लेकिन, आज का बचपन खतरे में है. हम बच्चों का बचपन लौटा दें, तो उनकी जिंदगी ऐसे ही संवर जायेगी. कुछ ऐसे ही विचारों से लोगों ने बचपन बचाने की पहल की. मौका था प्रभात खबर की ओर से गुरुवार को ‘बचपन बचाओ अभियान’ के पहले दिन बखरी डीएवी स्कूल में आयोजित बच्चों के बीच संवाद का.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डीआइजी अनिल कुमार सिंह व प्रमुख वक्ता सेवानिवृत्त एलआइसी पदाधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने किया. इसके बाद डॉ सिद्धि शंकर मिश्र के नेतृत्व में छात्राओं ने स्वागत गान प्रस्तुत किया.
बच्चों को लौटा
विषय प्रवेश कराते हुए प्रभात खबर के यूनिट हेड निर्भय कुमार सिन्हा ने कहा कि समाज को जागृत करने के लिए इस तरह के आयोजन की शुरुआत की गयी है. इसका सिर्फ एक ही मकसद है, बच्चों का खोया बचपन वापस मिले. डीआइजी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि किसी चीज को बचाने की बात तभी हाेती है, जब उस पर खतरा मंडरा रहा हो. आज के समय में ऐसी स्थिति बन चुकी है. यह सामाजिक सरोकार से जुड़ा मसला है. इसी मुहिम के कारण कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिला. बचपन बचाया जाना सिर्फ जरूरी नहीं, गंभीर चिंतन का विषय है. इस पर सभी को सोचना चाहिए. सोसाइटी में पढ़ाई करने वाले बच्चे हों या काम करने वाले, उनके बचपन को लौटाया जाना चाहिए. बच्चों को भी अपने माता-पिता से बात करनी चाहिए. उन्हें अपने मन की बात बतानी चाहिए. चाहे लक्ष्य हो या समस्या, माता-पिता जब तक नहीं जानेंगे, वे बच्चों की मदद कैसे कर सकते हैं.
प्रमुख वक्ता मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि बचपन प्रकृति का दिया हुआ अमूल्य समय है, जो बाजार में नहीं मिलती. प्रत्येक व्यक्ति को यह अंतराल एक ही बार निश्चित समय के लिए मिलता है. हमें इसे छीनने का अधिकार नहीं है. जो कल मेरे पास था, आज बच्चों के पास है. इसकी खूबसूरती को बचाना हम सब की जिम्मेवारी है.
कार्यक्रम का संचालन स्कूल के उप प्राचार्य मनोज कुमार झा कर रहे थे. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में बच्चों ने अपने सवाल रखे, जिसका जवाब अतिथियों ने दिया. आयोजन में स्कूल की शिक्षिका सीमा श्रीवास्तव, सुनीता कुमारी, एनके सिंह, मुकेश पाठक, ज्वाय फ्लोरेंस, एनएम झा व यूके पंडित का सहयोग रहा.
बखरी के डीएवी स्कूल
में बच्चों के बीच संवाद का आयोजन
मुख्य अतिथि डीआइजी अनिल कुमार सिंह व मुख्य वक्ता मनोज कुमार वर्मा ने रखे विचार
बच्चों ने रखी अपने मन की बात, वक्ताओं ने दिये जवाब
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