मुजफ्फरपुर : मध्य प्रदेश के चंबल कतरिया के बाद उत्तर बिहार के गंडक नदी में घड़ियालों की प्रजननवाली प्रजाति पायी गयी है. कई संस्थानों के शोध में यह बात सामने आयी है. बेतिया, बगहा, मुजफ्फरपुर व वैशाली जिले में यह प्रजाति शोधकर्ताओं को मिली है. इस शोध में लंदन के इंपीरियल काॅलेज, आइआइटी मुंबई, ब्रिटिश जूलॉजिकल सर्वे और बेंगलुरु की आइआइएससी संस्थान शामिल है.
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गंडक में मिली घड़ियालों की प्रजनन प्रजाति
मुजफ्फरपुर : मध्य प्रदेश के चंबल कतरिया के बाद उत्तर बिहार के गंडक नदी में घड़ियालों की प्रजननवाली प्रजाति पायी गयी है. कई संस्थानों के शोध में यह बात सामने आयी है. बेतिया, बगहा, मुजफ्फरपुर व वैशाली जिले में यह प्रजाति शोधकर्ताओं को मिली है. इस शोध में लंदन के इंपीरियल काॅलेज, आइआइटी मुंबई, ब्रिटिश […]
प्रोजेक्ट की देखरेख पर्यावरणविद व भागलपुर विवि के बॉटनी विभाग के हेड प्रो सुनील चौधरी व बेंगलुरु के जगदीश स्वामी कर रहे हैं.
गंडक नदी में घड़ियालों को खोजने की जिम्मेवारी केंद्रीय भू-विज्ञान ने इन संस्थानों को दी है. इसके अलावा नदियों के जलस्तर कम होने से यहां घड़ियालों पर क्या असर पड़ता है, उस पर शोध किया जा रहा है.
शोधकर्ता तरुण ने बताया कि इस शोध से पहले हम लोग नहीं जानते थे कि घड़ियालों की प्रजननवाली प्रजाति गंडक व बूढ़ी गंडक में भी पायी
जाती है. शोध के दौरान जब पता चला, तो पिछले साल लंदन के इम्पीरियल काॅलेज के शोधार्थी भी इसे देखने यहां पहुंचे. हमने नाव से गंडक नदी की पड़ताल की और उत्तर बिहार के कई हिस्सों में गये. इस शोध में नदी किनारे बसे लोगों से भी जानकारी ली गयी है. उन्होंने बताया कि घड़ियाल की प्रजाति लुप्त हो रही है, ऐसे में उत्तर बिहार में प्रजननवाली प्रजाति मिलना एक सुखद सूचना है.
गंडक नदी में हैं करीब 100 घड़ियाल
शोधकर्ता ने बताया कि बेतिया व बगहा में सबसे अधिक प्रजनन प्रजातिवाले घड़ियाल पाये गये हैं. इसके बाद मुजफ्फरपुर व वैशाली जिले में यह प्रजाति देखी गयी. हमारा शोध 2020 तक चलेगा. इसके बाद इसकी रिपोर्ट केंद्रीय भू-विज्ञान मंत्रालय को सौंप दी जायेगी.
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