बीआरए बिहार विवि के प्रशासनिक भवन में नहीं है लेडीज टॉयलेट
Advertisement
दरवाजे पर हो पहरेदारी, तब ‘इज्जत घर’ जाती है आधी आबादी
बीआरए बिहार विवि के प्रशासनिक भवन में नहीं है लेडीज टॉयलेट रोज आती हैं सैकड़ों छात्राएं, शौचालय जाने में होती है शर्मिंदगी मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार ने शौचालय के प्रति लोगों की मानसिकता बदलने के लिए उसका नाम ही बदल दिया है. शौचालय को ‘इज्जत घर’ कहा जा रहा है. लेकिन बीआरए बिहार विवि के […]
रोज आती हैं सैकड़ों छात्राएं, शौचालय जाने में होती है शर्मिंदगी
मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार ने शौचालय के प्रति लोगों की मानसिकता बदलने के लिए उसका नाम ही बदल दिया है. शौचालय को ‘इज्जत घर’ कहा जा रहा है. लेकिन बीआरए बिहार विवि के प्रशासनिक भवन में ‘इज्जत घर’ जाने में आधी आबादी को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. जबतक दरवाजे पर किसी फ्रेंड की पहरेदारी न हो, वे शौचालय नहीं जा सकतीं, क्योंकि उनके लिए सेपरेट व्यवस्था नहीं है. ऐसे में विवि पहुंचने पर छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
दरअसल, विवि के प्रशासनिक भवन में ग्राउंड फ्लोर व फर्स्ट फ्लोर पर एक-एक शौचालय है. उसी में कंबाइंड यूरिनल व टॉयलेट की व्यवस्था की गयी है. छात्राओं के लिए कहीं भी अलग व्यवस्था नहीं है.
विवि में रोज सैकड़ों छात्राएं व महिलाएं किसी न किसी काम से आती हैं. वे बहुत मजबूरी में ही विवि के टॉयलेट का इस्तेमाल करती हैं. जब वे अंदर जाती हैं, तो बाहर गेट पर कोई सहेली खड़ी होकर पहरेदारी करती है. टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद नहीं होता. किसी ने मरम्मत कराने भी नहीं सोची. बाहर से आनेवाली छात्राओं को ही नहीं, विवि में काम करनेवाली महिला कर्मचारियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
नहीं होती है नियमित सफाई : प्रशासनिक भवन में स्थित शौचालय की नियमित सफाई भी नहीं होती है. इससे अक्सर दुर्गंध उठता रहता है. पानी की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. वहीं फर्स्ट फ्लोर के टॉयलेट में लगे वॉश बेसिन में अभी तक पानी का सप्लाई ही नहीं दिया गया है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
कई पीजी विभागों में भी बदहाल हैं टॉयलेट : विवि के कई पीजी विभागों में टॉयलेट की व्यवस्था सही नहीं है. अधिकतर विभागों में लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं है. जो टॉयलेट है, वह भी पूरी तरह बदहाल है. सफाई कभी-कभार होती है. पानी का भी संकट रहता है. ऐसे में छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ठंडे बस्ते में राजभवन का आदेश : विश्वविद्यालय के साथ ही सभी पीजी विभागों व कॉलेजों में सेपरेट लेडिज टॉयलेट व यूरिनल के लिए राजभवन ने पिछले साल ही आदेश जारी किया था, जो अबतक ठंडे बस्ते में है. राजभवन ने इसके लिए बीआरए बिहार विवि को फरवरी तक का समय दिया था. लेकिन मार्च महीना बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक भवन या किसी पीजी विभाग में लेडीज टाॅयलेट या यूरिनल के लिए पहल नहीं की गयी.
महिला कर्मी हैं विवि प्रशासनिक भवन में कार्यरत
से अधिक शिक्षिकाएं जरूरी काम से प्रतिदिन पहुंचती हैं विश्वविद्यालय
से अधिक छात्राएं रोजाना परीक्षा विभाग सहित कार्यालय में आती हैं
जीएस की परीक्षा छूटी, तो विवि पहुंचे छात्र
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement