बंध्याकरण में गड़बड़ी का लगा था आरोप
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डॉक्टर समेत चार को तीन साल की सजा
बंध्याकरण में गड़बड़ी का लगा था आरोप मुजफ्फरपुर : विशेष निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश डॉ राकेश कुमार सिंह ने बुधवार को पश्चिम चंपारण जिले के मैनाटाड़ प्रखंड की पीएचसी में तैनात डॉ राजेश कुमार वर्मा को तीन साल की सजा सुनाई. उन्हें 43 हजार अर्थदंड भी दिया है. वहीं, पीएचसी के कंपाउंडर प्रभु प्रसाद, देहाती […]
मुजफ्फरपुर : विशेष निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश डॉ राकेश कुमार सिंह ने बुधवार को पश्चिम चंपारण जिले के मैनाटाड़ प्रखंड की पीएचसी में तैनात डॉ राजेश कुमार वर्मा को तीन साल की सजा सुनाई. उन्हें 43 हजार अर्थदंड भी दिया है. वहीं, पीएचसी के कंपाउंडर प्रभु प्रसाद, देहाती डॉक्टर लालजी व मुखिया धनंजय को दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनायी गयी है.
ये है मामला : पश्चिम चंपारण के मैनाटाड़ पीएचसी की ओर से चार जगहों पर दिसंबर 2001 से फरवरी 2002 के बीच बंध्याकरण कैंप लगाया गया था. कैंप में पुरुष डॉक्टरों ने अमानवीय तरीके से महिलाओं का बंध्याकरण किया. यहीं नहीं, महिलाओं को मिलने वाले प्रोत्साहन भत्ते में भी घोटाला कर लिया. इस मामले को लेकर तत्कालीन प्रखंड प्रमुख ने धरना भी दिया था. नरकटियागंज एसडीओ ने जांच का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था.
एसडीओ ने जांच में मामला सत्य पाते हुए डीएम को रिपोर्ट सौंपी थीं. प्रखंड प्रमुख ने सीएम के जनता दरबार सहित हाइकाेर्ट में भी मामला उठाया था. कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव ने जांच की. आरोप को सत्य पाते हुए जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी. इसके बाद निगरानी में प्राथमिकी दर्ज की गयी.
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