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कर्मचारी व प्रबंधन की लड़ाई में दो दिन पिसे बिजली उपभोक्ता

दूसरे दिन शाम को प्रशासन की पहल पर खुला एस्सेल कार्यालय मुजफ्फरपुर : एस्सेल द्वारा क्वेस कंपनी के 39 कर्मियों के हटाये जाने को लेकर दो दिनों से कर्मचारियों के आंदोलन के कारण एस्सेल के कार्यालय सुबह से शाम तक बंद रह रहे हैं. शाम को प्रशासन की आंदोलनकारियों को बाहर कर कार्यालय खुलवाया. लेकिन […]

दूसरे दिन शाम को प्रशासन की पहल पर खुला एस्सेल कार्यालय

मुजफ्फरपुर : एस्सेल द्वारा क्वेस कंपनी के 39 कर्मियों के हटाये जाने को लेकर दो दिनों से कर्मचारियों के आंदोलन के कारण एस्सेल के कार्यालय सुबह से शाम तक बंद रह रहे हैं. शाम को प्रशासन की आंदोलनकारियों को बाहर कर कार्यालय खुलवाया. लेकिन प्रबंधन व कर्मचारियों की लड़ाई के बीच बेकसूर बिजली उपभोक्ता पिसे.
गुरुवार की दोपहर लदौरा से एक 65 वर्षीय वृद्धा सुनीता देवी अपने मालिक का बिजली बिल जमा करने आयी थी. लेकिन कार्यालय बंद होने के कारण वह वहीं बैठ गयी और कहने लगी की कहई छह बउवा, 30 रुपया भाड़ा देकर बिल जमा करे अइली. 30 रुपया जाये में लागी अब की करू. इसी तरह सैकड़ों उपभोक्ता पिछले दो दिनों से एस्सेल के माड़ीपुर, रामदयालु, भगवानपुर व तिलक मैदान कार्यालय में बिल जमा करने आते हैं और निराश लौट जाते हैं.
उपभोक्ता सुशील ने बताया कि बकाया के कारण उनकी बिजली कट गयी, दो दिन से पैसा लेकर घूम रहे हैं कि वह बिल भुगतान कर बिजली जुड़वाये. इस भीषण गर्मी में दो दिन से बिना बिजली के रहना दुश्वार है. आखिर इनकी कौन सुनेगा. ऐसे उपभोक्ताओं वहां तैनात मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी ने समझाकर वापस भेजा.
कर्मचारियों को वापस लेने तक आंदोलन
हटाये कर्मचारियों गुरुवार की सुबह से माड़ीपुर कार्यालय के सामने अनशन पर बैठे हुए थे. इनके समर्थन में बिहार स्टेट इलेक्ट्रिक सप्लाई वर्कर्स यूनियन के नेता भरत झा, एस्सेल भगाओ मुजफ्फरपुर बचाओ के अजय पांडेय, वाइएसएस के अनय राज इनके समर्थन में पहुंचे. कर्मचारी आंनद ने बताया कि शुक्रवार को उनका प्रतिनिधि मंडल नियम के विरुद्ध हटाये गये कर्मचारियों के साथ उप श्रमायुक्त से मिलेगा. वहीं इनका आंदोलन लगातार कार्यालय पर जारी रहेगा.
गुरुवार को कार्यालय का शटर बिहार के नहीं दूसरे राज्य के स्टाफ ने उठाया. एस्सेल पहले हटाये गये सभी कर्मचारियों को शीघ्र कंपनी में बहाल करे. कंपनी के अधिकारी सोमदेव द्वारा जो बिहारी कहकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, उसे वापस भेजा जाये. चार वर्षों से दिनरात मेहनत कर रहे कर्मियों को हटाया गया उसे वापस लिया जाये. बिजनेस हेड मो तारिक खान अविलंब इन मांगों को पूरा करे. नहीं तो अन्य यूनियन के साथ हमारा आंदोलन और तेज होगा.
इसकी सारी जवाबदेही एस्सेल प्रबंधन की होगी.
उपभोक्ताओं की परेशानी
के लिए हमें दुख है
दो दिनों से उपभोक्ताओं को जो परेशानी हुई खासकर के बुजुर्ग, इसके लिए हमें दुख है. शुक्रवार से कार्यालय समय से काम करेगा. सभी कैस काउंटर और नए बिजली कनेक्शन सहित अन्य सभी सेवाएं सुचारू रूप से काम करेंगी. इस बंदी के कारण दो दिन में करीब तीन करोड़ के सरकारी राजस्व को क्षति पहुंची.
उक्त बातें बिजनेस हेड मो तारिक़ खान ने कही. उन्होंने एस्सेल कर्मियों व प्रशासन के सहयोग को लेकर उनके प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बेहतर बिजली सेवा के लिए एस्सेल प्रबंधन तत्पर है और रहेगा. कुछ बाहरी लोग इस बात को बेमतलब तूल दे रहे हैं. बिजली अति आवश्यक सेवा है इसे बाधित करने से उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है. कंपनी द्वारा 39 कर्मियों को उनके परफॉरमेंस के आधार पर हटाया गया है. यह निरंतर प्रक्रिया है, अफवाहों पर ना जाये. कंपनी का एनबीपीडीसीएल के साथ बिजली आपूर्ति को 15 साल का करार है.
अब हमलोग गर्मी में बेहतर सेवा देने की तैयारी में लगे हुए हैं.

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