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जान हथेली पर रखकर स्कूल आते हैं शिक्षक व बच्चे
धनंजय पांडेय खंडहरनुमा भवन में चलता है शहर का राजकीय मध्य विद्यालय नया टोला, हो सकता है बड़ा हादसा मुजफ्फरपुर : शहर के नया टोला स्थित राजकीय मध्य विद्यालय. यहां रोज समय से क्लास तो चलती है, लेकिन हर समय शिक्षकों व बच्चों की सांस अटकी रहती है. यह स्कूल खंडहर में चलता है. स्कूल […]
धनंजय पांडेय
खंडहरनुमा भवन में चलता है शहर का राजकीय मध्य विद्यालय नया टोला, हो सकता है बड़ा हादसा
मुजफ्फरपुर : शहर के नया टोला स्थित राजकीय मध्य विद्यालय. यहां रोज समय से क्लास तो चलती है, लेकिन हर समय शिक्षकों व बच्चों की सांस अटकी रहती है. यह स्कूल खंडहर में चलता है. स्कूल के शिक्षक व बच्चे रोजाना जान हथेली पर रखकर आते हैं.
छत व दीवारें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि कब हादसा हो जाये, कोई नहीं जानता. जो कमरे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये हैं, उनमें पढ़ाई बंद कर दी गयी है. दो कमरों में ही आठवीं तक की क्लास चलती है. उसमें भी छत का प्लास्टर कई जगहों से टूट कर गिर चुका है.
विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकती है. शिक्षकों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हर समय चिंता बनी रहती है. लेकिन, वे मजबूर हैं, कुछ नहीं कर सकते.
पहली मंजिल के कमरों में बंद हैं ताले. स्कूल भवन की पहली मंजिल पर भी तीन कमरे हैं. लेकिन, छत जर्जर होने के कारण उसमें कोई नहीं जाता. कमरों में ताला लगा दिया गया है. प्रधानाध्यापिका सुशीला कुमारी ने बताया कि छत काफी जर्जर हो गयी है.दबाव पड़ने पर वह बैठ सकती है. इसके चलते ऊपर कोई नहीं जाता.
लौट सकता है शौचालय का पैसा. इस स्कूल को सर्वशिक्षा अभियान से शौचालय निर्माण के लिए 80 हजार 600 रुपये मिले हैं. विभाग का कहना है कि सोख्ता का निर्माण कराने के बाद ही शौचालय बनवाएं, जबकि सोख्ता बनने से पूरा भवन ही बैठने का डर है. इसके चलते ही निर्माण कार्य बाधित है. मजबूरन विभाग को पैसा वापस भी करना पड़ सकता है.
चार कठ्ठा जमीन पर बना है स्कूल. नगर के वार्ड नंबर 26, नया टोला में यह स्कूल करीब चार कठ्ठा जमीन पर बना है. शिक्षकों का कहना है कि आस-पास के लोग स्कूल की तरफ ही गंदा पानी छोड़ देते हैं, जिससे बदबू के कारण बैठने में भी दिक्कत होती है.
डिप्टी मेयर का है मोहल्ला. नगर निगम के डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला इसी वार्ड (संख्या-26) से पार्षद भी हैं. पिछले महीने प्रधानाध्यापिका ने भवन निर्माण के लिये उनको भी पत्र दिया है.
दो कमरे, आठ कक्षाएं, 100 से अधिक बच्चे
दोपहर करीब साढ़े बजे खंडहरनुमा स्कूल के बाहर सन्नाटा था, जबकि अंदर कक्षाएं चल रही थीं. बरामदे सहित दो कमरों में 100 से अधिक बच्चे पढ़ रहे थे. शिक्षकों ने बताया कि पहली से आठवीं कक्षा तक 173 बच्चों का नामांकन है. प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे आते हैं. परीक्षा के समय उपस्थिति बढ़ती है, तो बैठने के लिए भी जगह नहीं मिलती.
एक कमरे में हेडमास्टर कक्ष सह कार्यालय है, तो एक छोटे कमरे को किचेन बनाया गया है.स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. बच्चों को बैठाने में डर लगता है. कभी भी भवन बैठने का डर लगा रहता है. अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी पत्र दिया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
सुशीला कुमारी, प्रधानाध्यापिका
नया टोला मध्य विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो चुका है. यहां बच्चों का बैठना भी सही नहीं है. इसके लिए पहल की है. डीइओ को भवन निर्माण के लिये पत्र भेजा है. बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा.
मानमर्दन शुक्ला, डिप्टी मेयर नगर निगम
स्कूल की जर्जर स्थिति के बारे में जानकारी मिली है. विभाग अभी नये भवन बनवाने की स्थिति में नहीं है. पिछले पांच साल से सर्व शिक्षा अभियान से राशि नहीं मिल रही. जन सहयोग से निर्माण कराया जा सकता है.
मो असगर अली, डीपीअो प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान
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