मुजफ्फरपुर : मीनापुर के सर्किल इंस्पेक्टर डॉ रमेश दत्त पांडेय को निगरानी टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. रिश्वत लेने के बाद इंस्पेक्टर ने चौकीदार अजय पासवान को पैसे रखने के लिए दिया था. निगरानी ने रकम बरामद कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया. टीम देर शाम दोनों काे पटना ले गयी. शुक्रवार को विशेष निगरानी कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें जेल भेजा जायेगा.
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दस हजार घूस लेते इंस्पेक्टर को निगरानी ने धर दबोचा
मुजफ्फरपुर : मीनापुर के सर्किल इंस्पेक्टर डॉ रमेश दत्त पांडेय को निगरानी टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. रिश्वत लेने के बाद इंस्पेक्टर ने चौकीदार अजय पासवान को पैसे रखने के लिए दिया था. निगरानी ने रकम बरामद कर उसे भी गिरफ्तार कर लिया. टीम देर शाम दोनों काे पटना […]
जानकारी के अनुसार, मीनापुर के पानापुर ओपी में छितरपट्टी गांव में मनोज कुमार सहनी के पिता के साथ मारपीट की गयी थी. इंस्पेक्टर पर्यवेक्षण में केस सत्य करने के लिए मनोज से 13 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे. दस हजार रुपये में मामला तय हुआ. मनोज ने इस बात की शिकायत निगरानी विभाग में की. चार दिन से निगरानी की टीम रिश्वत मांगने के सत्यापन में जुटी थी. मामला सत्य पाते ही डीएसपी महाराजा कनिष्क के नेतृत्व में एक टीम बनायी गयी,
जिसमें इंस्पेक्टर सर्वेश सिंह, मेहंदी हसन, जमादार श्रवण कुमार, चंद्रभूषण सिंह, सिपाही मणिकांत, जवाहर पासवान व रामप्रताप सिंह शामिल थे. गुरुवार की दोपहर निगरानी टीम मीनापुर पहुंची. इंस्पेक्टर ने मनोज को सर्किल कार्यालय में बुलाया था. दोपहर करीब दो बजे दो-दो हजार के चार नोट व पांच-पांच सौ के चार नोट जैसे ही मनोज ने इंस्पेक्टर को दिये, निगरानी टीम ने उन्हें घेर लिया. इंस्पेक्टर ने तबतक दस हजार रुपये वहां मौजूद चौकीदार अजय पासवान को दे दिया था. टीम ने उसकी जेब से रुपये बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इंस्पेक्टर पांडेय बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाने के आेमवलिया गांव के हैं. वे 94 बैच के दारोगा हैं. हाल में ही इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति हुई है.
मीनापुर में पदस्थापित हैं सर्किल इंस्पेक्टर डॉ रमेश दत्त पांडेय
चौकीदार अजय पासवान को भी निगरानी टीम ने किया गिरफ्तार
डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में लगी थी ड्यूटी
इंस्पेक्टर पांडेय की बुधवार को बोचहां में डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में ड्यूटी लगी थी. वह मनोज को लगातार पैसे के लिए परेशान कर रहे थे. रुपये तय होने पर बार-बार जगह बदल कर बुला रहे थे. गुरुवार को भी हाथ की अंगुली से इशारा कर अपने कार्यालय बुलाया था. चार दिन से निगरानी टीम उनकी हर गतिविधि को वाॅच कर रही थी.
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