मुजफ्फरपुर : शहर के पुरानी बाजार के सर्राफा बाजार में हर महीने करोड़ों का कारोबार होता है, लेकिन नागरिक सुविधा के नाम पर यहां कोई व्यवस्था नहीं है. बाजार सूत्रों की मानें, तो यहां करीब 150 दुकानें हैं. इनसे हर साल नगर निगम को सात से आठ लाख रुपये टैक्स मिलता है. बावजूद यहां लोगों के लिए सुविधाएं नहीं हैं.
सुरक्षा के लिहाज से भी यह क्षेत्र संवेदनशील है. क्षेत्र के दुकानदार कहते हैं कि यहां खरीदारी के लिए उत्तर बिहार से लोग पहुंचते हैं. यहां से ज्वेलरी लेकर जाने के बाद उनकी सुरक्षा अहम है. यहां पुलिस की चौकसी नहीं रहती. रात में पूरे इलाके सन्नाटा रहता है. पुलिस गश्ती नहीं होने के कारण हमलोग चिंता में रहते हैं. सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए.
यूरिनल व पेयजल की नहीं है सुविधा
सर्राफा बाजार में नागरिक सुविधाओं का अभाव है. नगर निगम ने टैक्स तिगुना कर दिया, लेकिन सुविधाएं नहीं दीं. यूरिनल व टॉयलेट नहीं होने से यहां आनेवाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां पीने के लिए पानी भी नहीं है. नगर निगम को इन सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए. जिस तरह टैक्स लिया जाता है, उसी तरह सुविधाएं भी देना चाहिए.
सुरेश ठाकुर, अध्यक्ष, सर्राफा संघ
सर्राफा बाजार में सुरक्षा की गारंटी नहीं
सर्राफा बाजार में सुरक्षा के लिए एसएसपी से मिल कर यहां पुलिस बल देने की मांग की गयी थी. साथ ही बाजार में सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी प्रस्ताव दिया गया था. एसएसपी ने कहा था कि छह पुलिस बल की एक कंपनी यहां तैनात होगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. यहां के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं. पुलिस प्रशासन इस क्षेत्र में सुरक्षा बहाल करे.
संजय कुमार, महामंत्री, थोक सर्राफा संघ
टैक्स में बढ़ोतरी की, सुविधाएं नहीं
इस क्षेत्र में नागरिक सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. कुछ दुकानदारों ने अपनी ओर से व्यवस्था की है, लेकिन सभी दुकानों में यूरिनल नहीं हैं. नगर निगम को इस क्षेत्र का सर्वे कर यहां सुविधाएं देनी चाहिए. सिर्फ टैक्स में बढ़ोतरी कर राजस्व वृद्धि कर ली गयी है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर इस इलाके में कुछ भी नहीं है.
रवि कुमार गुप्ता, सर्राफा दुकानदार