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हाइड्रेंट के अभाव में आपदा के दौरान हांफ जाती हैं दमकल की गाड़ियां
शहर में तीन हाइड्रेंट, दो खराब, निजी पंपों से लोड करना पड़ता है पानी सुनील कुमार सिंह मुजफ्फरपुर : जिले के दस लाख परिवारों को आग से सुरक्षा देने वाला यहां का अग्निशमन विभाग बेजार व्यवस्था का शिकार है. सबसे बड़ी समस्या हाइड्रेंट (दमकल गाड़ी में पानी भरने वाला पंप) की है. इसके अभाव में […]
शहर में तीन हाइड्रेंट, दो खराब, निजी पंपों से लोड करना पड़ता है पानी
सुनील कुमार सिंह
मुजफ्फरपुर : जिले के दस लाख परिवारों को आग से सुरक्षा देने वाला यहां का अग्निशमन विभाग बेजार व्यवस्था का शिकार है. सबसे बड़ी समस्या हाइड्रेंट (दमकल गाड़ी में पानी भरने वाला पंप) की है. इसके अभाव में अग्निशमन दस्ता मौके पर तब पहुंचती है, जब काफी नुकसान हो जाता है. डीएम व निगम प्रशासन को पत्र लिखे जाने के बाद भी इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है.
शहर के किसी भी क्षेत्र में आग बुझाने के लिए मौके पर जाने के पूर्व अग्निशमन गाड़ियां शहर के तीन हाइड्रेंट से पानी भरती हैं. इसमें दो सिकंदरपुर में और मिठनपुरा में पानी टंकी स्थित हाइड्रेंट कई माह से खराब है.
इस कारण आपदा के दौरान पानी के लिए अग्निशमन गाड़ियों को इधर-उधर दौड़ाना होता है. दमकल को निजी स्थानों से पानी लोड करना पड़ता है. इसमें काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है. इमरजेंसी के दौरान समाहरणालय स्थित हाइड्रेंट से दमकल में पानी भरा जाता है. अगर वहां भी बिजली नहीं रही तो समस्या खड़ी हो जाती है.
आठ लाख खर्च, फिर भी सूखा है पंप
मिठनपुरा के चंदवारा स्थित अग्निशमन परिसर में आठ वर्ष पूर्व 7.80 लाख खर्च कर लगाया गया सबमर्सिबल एक भी दमकल गाड़ी में पानी नहीं भर सका है. पीएचइडी विभाग ने यह पंप लगाया था. बिजली नहीं रहने के बाद भी गाड़ियों में पानी भरने के लिए जेनेरेटर की भी व्यवस्था की गयी थी, लेकिन घटिया निर्माण के कारण उद्घाटन के पांच माह बाद ही यह पंप ठप हो गया. कई बार इसकी मरम्मत भी करायी गयी. बावजूद यह ठीक नहीं हो सका.
विभाग के निर्देश के बाद भी नहीं हो सकी व्यवस्था
जिला अग्निशमन पदाधिकारी ने बताया कि महीनों से खराब मिठनपुरा व सिकंदरपुर स्थित हाइड्रेंट की मरम्मत के लिए कई बार निगम और जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में हाइड्रेंट के अभाव में ससमय राहत कार्य उपलब्ध करा पाना मुश्किल हो रहा है. विभाग के निर्देश के बाद भी यहां हाइड्रेंट की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
पीएचइडी के तत्कालीन प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने सात अगस्त 2015 को सभी कार्यपालक अभियंताओं को पत्र भेजकर सुरक्षात्मक और कल्याणकारी मानवीय हितों के लिए ग्रामीण क्षेत्राें में बने पाइप जलापूर्ति योजनाओं में प्रत्येक दो किलोमीटर की दूरी पर अग्निशमन सेवा के वाहनों में पानी व्यवस्था के लिए हाइड्रेंट निर्माण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था.
एेसा ही एक निर्देश 24 दिसंबर 2015 को तत्कालीन प्रभारी राज्य अग्निशमन पदाधिकारी सह निदेशक सुनील कुमार गुप्ता ने भी डीएम को पत्र भेज दिया था. विभागीय अधिकारियों के इस महत्वपूर्ण निर्देश पर अमल नहीं किये जाने से अग्निशमन दस्ता को आये दिन पानी भरने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है
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