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सबमर्सिबल पंप लगाने पर रोक, सरकार की एजेंसी करेगी घोटाले की जांच

मुजफ्फरपुर : शहर में लगे मिनी पंप (सबमर्सिबल) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच नगर विकास एवं आवास विभाग अपने स्तर से करायेगा. विभागीय मंत्री सुरेश शर्मा ने इस संबंध में प्रधान सचिव को निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने यह फैसला शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंचने पर पार्षदाें की ओर से मिली शिकायत […]

मुजफ्फरपुर : शहर में लगे मिनी पंप (सबमर्सिबल) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच नगर विकास एवं आवास विभाग अपने स्तर से करायेगा. विभागीय मंत्री सुरेश शर्मा ने इस संबंध में प्रधान सचिव को निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने यह फैसला शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंचने पर पार्षदाें की ओर से मिली शिकायत के

सबमर्सिबल पंप लगाने
बाद लिया. इससे पहले भी पटना में पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान वह भुगतान पर रोक लगाते हुए विभागीय जांच के निर्देश दे चुके थे.
मंत्री ने कहा कि मिनी पंप लगाने की योजना पर रोक लगा दी गयी है. इसके नाम पर लूट-खसोट की बात सामने आ रही है. इसलिए, अब नगर विकास एवं आवास विभाग के आदेश के बिना कोई भी सबमर्सिबल पंप नहीं लगेगा.
इस फैसले के बाद नगर आयुक्त व जलापूर्ति शाखा के कर्मियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सरकार के स्तर पर जांच से कई अधिकारी, कर्मचारी व निगम के इंजीनियर भ्रष्टाचार के लपेटे में आ जायेंगे. इधर, पार्षद राजीव कुमार पंकू ने भी मंत्री से वार्ड नंबर 28 में बिना उनकी जानकारी के सबमर्सिबल लगाने की शिकायत की है.
बिना टेंडर विभागीय स्तर पर लगे हैं पंप
शहर में अबतक करीब 100 मिनी पंप लगाये गये हैं. इनमें से 50 प्रतिशत पंप का भुगतान हो गया है. ये सभी पंप बिना टेंडर विभागीय स्तर पर लगाये गये हैं. एक पंप लगाने पर साढ़े छह से 7.11 लाख रुपये तक खर्च आया है. एस्टिमेट हाइ रेट पर तैयार किया गया है. बाजार में जिस सबमर्सिबल पंप का मूल्य अधिकतम 35 हजार रुपये है, उसका एस्टिमेट 1.10 लाख का बना है. इसी तरह अन्य सामग्री का रेट भी एस्टिमेट में काफी ज्यादा है.
घोटाले व भ्रष्टाचार की डीडीसी भी कर रही हैं जांच
नगर निगम में हुए सबमर्सिबल पंप घोटाले समेत भ्रष्टाचार के छह बिंदुओं पर चार माह से जांच की प्रक्रिया चल रही है. डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला ने गड़बड़ी को उजागर कर सरकार व डीएम से इसकी शिकायत की थी. तब नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से डीएम को जांच का आदेश दिया गया था. डीएम धर्मेंद्र सिंह डीडीसी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम बना कर मामले की जांच करा रहे हैं. हालांकि, जांच की रफ्तार धीमी होने से अबतक मामले का खुलासा नहीं हो सका है.
भ्रष्टाचार पर सरकार सख्त मुश्किल में निगम प्रशासन
शहर में अबतक लगाये जा चुके हैं करीब 100 मिनी पंप
मिनी पंप घोटाले की जांच का मंत्री ने दिया िनर्देश
प्रधान सचिव को दी जिम्मेदारी, आज से नहीं लगेंगे समबर्सिबल
पार्षद को जानकारी नहीं, वार्ड 28 में लगा दिया सबमर्सिबल, मंत्री से की शिकायत

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