मुजफ्फरपुर : मिठनपुरा थाने की 70 वर्षीया फिरोजा की हालत चिंताजनक बनी हुई है. ब्रह्मपुरा स्थित निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उसे पटना रेफर कर दिया है. चिकित्सकों के हाथ खड़े करने के बाद अंतिम सांस गिन रही बेहोश फिरोजा को लोग घर ले आये हैं. अंतिम समय में मां की […]
मुजफ्फरपुर : मिठनपुरा थाने की 70 वर्षीया फिरोजा की हालत चिंताजनक बनी हुई है. ब्रह्मपुरा स्थित निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उसे पटना रेफर कर दिया है. चिकित्सकों के हाथ खड़े करने के बाद अंतिम सांस गिन रही बेहोश फिरोजा को लोग घर ले आये हैं. अंतिम समय में मां की सेवा करने के लिए फिरोजा की दोनों बेटियां पटना से यहां पहुंच गयी है.
घर में ही निजी चिकित्सक उसका इलाज करा रहे हैं. रविवार को घर आने के बाद फिरोजा को ऑक्सीजन का सिलेंडर लगा दिया गया. अस्पताल से एंबुलेंस में घर लौटी फिरोजा को देखने के लिए मुहल्ले के लोग जुट गये. सूचना मिलने पर मिठनपुरा पुलिस भी तीनकोठिया स्थित उसके घर पहुंची. स्थानीय लोगों के समक्ष घर का ताला खोल उसकी चाबी दोनों बेटियों को सौंप दी.
इधर, कुछ दिनों से बीमार रहनेवाली 70 वर्षीया वृद्धा फिरोजा की तीन दिन पहले बड़ी बेटी शाहीन उर्फ नीतू से बातचीत हुई थी. उसने बीमार होने की जानकारी उसे दी थी. शुक्रवार को भी उसने मां को फोन किया था. लेकिन रिसीव नहीं हो सका था. नीतू ने बताया कि मां से बातचीत नहीं होने पर वह अनहोनी की आशंका से आशंकित थी. शनिवार को उसे मां की स्थिति चिंताजनक होने की जानकारी मिली. इसके बाद वह पटना से तीनकोठिया स्थित मां के घर के लिए चल दी थी. उसने बताया कि छोटी बहन से मां की बातचीत नहीं हो पा रही थी. इसलिए उसे कोई जानकारी नहीं थी. उसने छोटी बहन को मां की हालत खराब होने की जानकारी दी. इसके बाद वह भी यहां पहुंच गयी है.
तीनकोठियां मुहल्ले में फिरोजा का दो मंजिला मकान है. वह अकेली ही रहती है. दोनों बेटियां ससुराल पटना में रहती है. बड़ी बेटी से लगातार बातचीत होती रहती थी. एक दो दिन से मुहल्ले के लोग उसे नहीं देख रहे थे. शनिवार को उसके घर पहुंचे लोग दरवाजे पर पहुंच आवाज लगायी तो कोई जवाब नहीं मिला. लोगों को शक हुआ और पुलिस को सूचना दी. पुलिस की मौजूदगी में उसके कमरे का ताला तोड़ा गया था.