लेकिन जब यह कहा गया कि हवलदार विजय चौधरी की ही सड़क दुर्घटना में मौत हुई है, तो पैर तले जमीन ही निकल गयी. यकीन ही नहीं हुआ कि पापा हम लोगों को छोड़ कर चले गये. खगड़िया ठुठी गांव से आये हवलदार विजय चौधरी के बड़े बेटे जितेंद्र कुमार ने पुलिस लाइन में ये बातें कहीं.
इस दौरान उसकी आंखों से आंसू टपक रहे थे. पास में खड़े सिपाही पवन कुमार उसे सांत्वना दे रहे थे कि अब परिवार की जिम्मेवारी उसी पर है. वह खुद को संभाले और परिवार को देखे. जितेंद्र ने बताया कि उसके परिवार में छोटा एक भाई अमरेंद्र कुमार और मां हैं. अमरेंद्र मुंबई में इंजीनियर हैं. जितेंद्र ने कहा कि पापा से अंतिम बातचीत रविवार की शाम हुई थी. उस वक्त वह खाना बना रहे थे. उसके बाद ड्यूटी पर जाने की बात कही थी. फोन रखते वक्त उन्होंने यह नहीं कहा था कि ड्यूटी से कभी वह वापस ही नहीं आयेंगे.