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असफल होने पर पार्षद को मिला था नोटिस

मुजफ्फरपुर : नवरुणा मामले में सीबीआइ ने एक माह पूर्व पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू को दुबारा पॉलिग्राफिक टेस्ट कराने के लिए नोटिस दी थी. लेकिन पार्षद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था. बताया जाता है कि पॉलिग्राफिक टेस्ट के लिए पार्षद को सीबीआइ गुजरात ले गयी […]

मुजफ्फरपुर : नवरुणा मामले में सीबीआइ ने एक माह पूर्व पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू को दुबारा पॉलिग्राफिक टेस्ट कराने के लिए नोटिस दी थी. लेकिन पार्षद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए टेस्ट कराने से इंकार कर दिया था. बताया जाता है कि पॉलिग्राफिक टेस्ट के लिए पार्षद को सीबीआइ गुजरात ले गयी थी. लेकिन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आया था.

अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि उनके क्लाइंट को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है. टेस्ट के लिए नोटिस आनेे पर कोर्ट के माध्यम से सीबीआइ को आदेश लेेने को कहा गया था. उसके बाद बिना संपर्क किये ही सोमवार को पटना बुला कर पार्षद की गिरफ्तारी कर ली गयी. जब भी उन्हें बुलाया गया, वह उपस्थित हुए है. सीबीआइ के पास कोई सबूत नहीं है.

इधर, सीबीआइ का कहना है कि पार्षद ने एक बार कोर्ट में जब टेस्ट के लिए सहमति दे दी, तो बार-बार अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. वह जान बूझ कर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते है. गुजरात में पॉलिग्राफिक टेस्ट के पूर्व पूरी जांच की गयी थी, जिसमें सब कुछ सामान्य था. वही सोमवार रात भी आइजीआइएमएस पटना में जांच की गयी. इसीजी से लेकर सभी रिपोर्ट नॉर्मल था.

हुई वीडियोग्राफी : हंगामा करने वालों समर्थकों की सीबीआइ की ओर से वीडियोग्राफी भी करायी गयी है. माना जा रहा है कि उन पर नगर थाने में केस भी दर्ज हो सकता है. वरीय अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी भी दी गयी है.
कोर्ट में सुरक्षा कर्मी से भिड़े वकील : नवरुणा हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपित पार्षद राकेश कुमार सिन्हा पप्पू की पेशी के दौरान वकील व सुरक्षा कर्मियों के बीच कोर्ट में जमकर बहसा-बहसी हुई. दोनों आपस में भिड़ गये. देखते-देखते स्थिति काफी बिगड़ गयी. हालांकि, नगर थाना के पुलिस कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद मामला किसी तरह शांत हुआ. विवाद गेट बंद करने को लेकर हुआ. दरअसल पप्पू को जब सीबीआइ की टीम सिविल कोर्ट कैंपस में लेकर घुसी, तब पीछे से समर्थकों की भीड़ भी घुस गयी. सुरक्षा के दृष्टिकोण से गेट को पुलिस कर्मियों ने बंद कर दिया. इस बीच जब अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा समेत अन्य पहुंचे, तब सुरक्षा कर्मियों ने गेट खोलने से इनकार कर दिया. इसके बाद आक्रोशित अधिवक्ता ने गेट को धक्का मारते हुए खोल दिया.

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