बोचहां : थाना क्षेत्र के ममरखा चौक के पास गोलीकांड में रामशृंगार सहनी के साथ शिकार हुए महेंद्र पासवान की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान बुधवार को हो गयी. मौत की खबर सुन कर उनके पैतृक गांव मझौली में मातमी सन्नाटा छा गया. विदित हो कि सोमवार की शाम रामश्रृंगार सहनी के साथ महेंद्र पासवान भी जा रहे थे. इसी दौरान रामशृंगार सहनी पर हमला हुआ. इसमें उनके साथ जा रहे महेंद्र पासवान को भी गोली लगी.महेंद्र पासवान के पुत्र संजीव पासवान ने बताया कि महेंद्र पासवान को किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं थी. रामशृंगार सहनी के साथ रहने कारण उनकी मौत हुई है.
रामशृंगार सहनी के पहले से बहुत दुश्मन थे और मेरे पिता उनके साथ रहते थे. इसलिए अपराधियों ने उनकों भी मार डाला. महेंद्र पासवान के तीन बेटे और एक बेटी है. संजीव सबसे बड़ा पुत्र है,जो शादीशुदा है. संजीत व चिंकू दो छोटे पुत्र हैं. मोनी कुमारी उनकी बेटी है. उसकी भी शादी हो चुकी है. महेंद्र पासवान 1995 से जनवितरण प्रणाली के दुकानदार थे. 2013 में ग्रामीणों द्वारा उनके विरुद्ध आवेदन देने पर एसडीओ पूर्वी ने जांच के दौरान पीडीएस का लाइसेंस निलंबित कर दिया.
तब से महेंद्र पासवान का पीडीएस प्रणाली का दुकान बंद है. वह स्थानीय डीलर बेनी पासवान में टैग होकर चल रही है. उनकी मौत की खबर सुनकर स्थानीय विधायक बेबी कुमारी, लोजपा दलित सेना के जिला अध्यक्ष भरत पासवान ने डीएम एसडीओ एवं स्थानीय बीडीओ से बात की व घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस में दोषी अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही महेन्द्र पासवान की पीडीएस की दुकान उनके पुत्र के नाम पर चालू करने का अनुरोध किया. इस पर जिलाधिकारी व एसडीओ पूर्वी ने दुकान उनके पुत्र के नाम पर करने के अनुसंसा करने का आश्वासन दिया. बीडीओ ने पारिवारिक लाभ योजना से 20 हजार रुपये उनके पुत्र संजीव कुमार को दिया. साथ ही मुखिया सिया देवी ने कबीर अंत्येष्टि योजना से तीन हजार रुपये की मदद राशि दी.