सभी काम संविदा पर बहाल इंजीनियरों ने कराया है, जबकि सरकार पत्र जारी कर इस पर रोक लगा चुकी है. समबर्सिबल घोटाले के उजागर होने के बाद दूसरे दिन पाइपलाइन की योजनाओं में भी तीन करोड़ से अधिक रुपये के घोटाले की बात सामने आ रही है. डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला व पार्षदों ने डीएम धमेंद्र सिंह से मिल कर इसकी लिखित शिकायत की है. उन्हें संबंधित कागजात भी उपलब्ध कराये गये हैं.
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पाइपलाइन में तीन करोड़ की गड़बड़ी!
मुजफ्फरपुर: नगर निगम में सबमर्सिबल (मिनी पंप) के बाद अब पाइपलाइन बिछाने में गड़बड़ी की बात सामने आयी है. दो सालों में शहर में बिछायी गयी सभी जलापूर्ति पाइपलाइन में अनियमितता की शिकायत मिली है. सबमर्सिबल की तरह पाइपलाइन का भी एस्टिमेट हाइ रेट पर तैयार कर विभागीय स्तर पर सभी काम कराये गये हैं. […]
मुजफ्फरपुर: नगर निगम में सबमर्सिबल (मिनी पंप) के बाद अब पाइपलाइन बिछाने में गड़बड़ी की बात सामने आयी है. दो सालों में शहर में बिछायी गयी सभी जलापूर्ति पाइपलाइन में अनियमितता की शिकायत मिली है. सबमर्सिबल की तरह पाइपलाइन का भी एस्टिमेट हाइ रेट पर तैयार कर विभागीय स्तर पर सभी काम कराये गये हैं.
वार्ड 41 में सबसे ज्यादा काम
पाइपलाइन बिछाने का काम शहर के कुछ खास वार्ड में सबसे ज्यादा हुआ है. इसमें वार्ड 41 में सबसे ज्यादा काम हुआ है. समबर्सिबल पंप लगाने से लेकर पाइपलाइन बिछाने तक दो सालों के अंदर सबसे ज्यादा योजनाएं इसी वार्ड में ली गयी हैं. इसके अलावा वार्ड 22, 24, 25, 34 आदि वार्ड भी शामिल हैं. डीएम से की गयी शिकायत में डिप्टी मेयर ने 2016 व 2017 में अबतक जितने पाइपलाइन बिछाये गये हैं, उन सभी की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसी तकनीकी पदाधिकारी से जांच कराने पर इसका राज खुलेगा.
पाइपलाइन से संबंधित योजनाओं का काम हमारे समय में नहीं हुआ है. जो काम हुआ है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. एस्टिमेट के अनुसार पैसा पेमेंट नहीं होता है. इसकी जांच होगी. इसमें सारा मामला खुल जायेगा. अभी गड़बड़ी उजागर हो रही है. कुछ दिनों में सब मैटरलाइज हो जायेगा.
केके सिंह, जलकार्य अधीक्षक
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