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पढ़ाई में सुधार के लिए तीन स्तर पर एक्शन प्लान

मुजफ्फरपुर: इंटर व मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट इस बार बेहद खराब रहा. इससे विभाग की भारी फजीहत हुई. इससे सबक लेकर शिक्षा विभाग इसमें सुधार की कवायद में जुट गया है. शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए विभाग ने तीन स्तर पर एक्शन प्लान लागू किया है. शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार, डीइओ ने तीन […]

मुजफ्फरपुर: इंटर व मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट इस बार बेहद खराब रहा. इससे विभाग की भारी फजीहत हुई. इससे सबक लेकर शिक्षा विभाग इसमें सुधार की कवायद में जुट गया है. शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए विभाग ने तीन स्तर पर एक्शन प्लान लागू किया है.

शिक्षा निदेशालय के निर्देशानुसार, डीइओ ने तीन माह के लिए शॉर्ट टर्म प्लान, छह माह के लिए मिड टर्म प्लान व एक वर्ष के लिए लांग टर्म प्लान बनाया है. इसे लागू कराने की जवाबदेही डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, बीइओ व स्कूलों के प्राचार्यों को दी गयी है. डीइओ ललन प्रसाद सिंह ने बताया कि इंटरमीडिएट परीक्षा, 2017 के रिजल्ट के विश्लेषण के बाद माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा में सुधार के लिए बेहतर कार्ययोजना की जरूरत महसूस की गयी. मंगलवार को इसके लिए निर्देश जारी किया गया है.
शिक्षक व अभिभावक करेंगे छात्रों पर विमर्श : मिड टर्म प्लान के तहत तीन माह बाद पूरा हुए पाठ्यक्रम के आधार पर स्कूल अपने छात्रों का अांतरिक मूल्यांकन परीक्षा लेगा. उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर विषयवार वैसे छात्रों को चिह्नित किया जायेगा, जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. उनके लिए विद्यालय विशेष ट्यूटोरियल क्लास की व्यवस्था करेगा. स्कूल में छात्रों के अभिभावक व शिक्षकों के साथ प्रत्येक तीन माह में एक बैठक आयोजित की जायेगी. इसमें उनके बच्चे की विषयवार तैयारी पर विमर्श कर उनका सुझाव भी लिया जायेगा.
कमजोर छात्रों के लिए ब्रिज कोर्स :लांग टर्म प्लान के तहत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक सेंट-अप के बाद छात्रों की परीक्षा परिणाम का विश्लेषण किया जायेगा. कौन छात्र किस विषय में कमजोर है, इसे चिह्नित कर ब्रिज कोर्स चलाया जायेगा. विभाग को इस प्लान से शिक्षा में सुधार की उम्मीद है.
कक्षा में ग्लोब, कंकाल व मॉडल अनिवार्य
कक्षा संचालन में ग्लोब, कंकाल, मॉडल इत्यादि का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना है. इससे पढ़ाई रुचिकर बनेगी. लैब में प्रैक्टिकल क्लास छात्रों के लिए अनिवार्य होगा. इससे विज्ञान के प्रति छात्रों में रुचि बढ़ेगी. स्कूल में सुदृढ़ पुस्कालय की व्यवस्था करायी जायेगी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व समय-सीमा के अंदर सिलेबस पूरा कराने का दायित्व एचएम का होगा. विभाग स्कूलों में पठन-पाठन की नियमित मॉनीटरिंग करेगा. अधिकारी स्कूलों की निरीक्षण रिपोर्ट शिक्षा निदेशक को भेजेंगे. इसके बाद सुधार व दंड देने की कार्रवाई होगी.
पढ़ायेंगे बी-टेक व एम-टेक शिक्षक
शॉर्ट टर्म प्लान के तहत डीइओ, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, बीइओ निर्धारित समय-सीमा में अपने क्षेत्र में संचालित प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों का निरीक्षण करेंगे. पठन-पाठन के माहौल व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का जायजा लेंगे. माहवार निर्धारित पाठ्यक्रम पूरा हो रहा है या नहीं, एचएम ने इसमें क्या भूमिका निभाई, इसका जायजा लेंगे. वैसे विद्यालय, जहां प्लस टू स्तर के शिक्षकों की कमी है, वहां पद सृजन कर शिक्षकों की व्यवस्था करायी जायेगी. माध्यमिक स्तर के योग्य शिक्षकों से प्लस टू स्तर के पठन-पाठन की व्यवस्था करायी जायेेगी. वैसे माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल जहां पर शिक्षकों की कमी है, वहां पर सेवानिवृत्त शिक्षक, बी-टेक, एम-टेक व विजिटिंग फैकल्टी से पढ़ाई करायी जायेगी. एचएम स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद की सूचना डीपीओ माध्यमिक शिक्षा काे देंगे.

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