मोतीपुर: मेघुआ मोरसंडी गांव से रविवार को लापता हुए लालबाबू राय व उनकी दो बेटियों का शव सोमवार की सुबह बूढ़ी गंडक नदी से बरामद किया गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को परिजनों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की इजाजत नहीं दी. बिना पोस्टमार्टम के ही तीन शवों का दाह-संस्कार कर दिया.
जानकारी के अनुसार, गांव के पूर्व सरपंच रामदेव राय के चौथे पुत्र लालबाबू राय रविवार सुबह अपनी दो बेटियों निशा (7) व चुलबुली (5) के साथ खेत से परवल लाने गये थे. देर शाम उनके नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की, लेकिन उनका पता नहीं चला. लालबाबू की पत्नी साधना ने इसकी सूचना मायके वालों को दी. सोमवार सुबह ग्रामीणों ने नदी में शव देख कर सूचना लालबाबू के परिजनों को दी. रामदेव राय ने ग्रामीणों के साथ वहां पहुंच कर शव को निकाला. शव को दरवाजे पर
लाया गया.
इसके बाद उनकी दो पुत्रियों की खोज शुरू हुई. नदी से ही दोनों का शव बरामद किया गया. रामदेव राय ने इसकी सूचना मोतीपुर पुलिस को दी. थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह, एसआइ नवल किशोर राय ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने मना कर दिया.
पुलिस को दिये बयान में रामदेव ने बताया कि लालबाबू दो पुत्रियों निशा व चुलबुली के साथ खेत से परवल लाने गया था. उन्होंने आशंका जतायी कि परवल का खेत नदी के किनारे होने के कारण तीनों नदी में स्नान करने गये और इस क्रम में डूबने से मौत हो गयी. थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के परिजनों ने जो आवेदन दिया है उसमें मौत का कारण डूबना बताया गया है.
एक ही चिता पर जले तीनों शव
सोमवार को जब तीनों की चिता सजायी जा रही थी तो परिजनों व ग्रामीणों के आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. रामदेव सहित परिजनों को दोनों पोतियों की किलकारी याद आ रही थी.