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24 घंटे बाद रेलवे ने ली सुधि, अस्पताल छोड़ गये जख्मी
मुजफ्फरपुर: हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के कुढ़नी स्थित गुमटी नंबर 18 के समीप छपरा-टाटा एक्सप्रेस में लटकी साइकिल के सिगनल पोल में टकराने से जख्मी यात्रियों की सुधी 24 घंटे बाद रेलवे अधिकारियों ने लिया. रेलवे अधिकारी प्रावधान के अनुसार मंगलवार की दोपहर मुआवजा राशि लेकर सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच पहुंचे. हालांकि, तब तक अस्पताल में भरती […]
मुजफ्फरपुर: हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के कुढ़नी स्थित गुमटी नंबर 18 के समीप छपरा-टाटा एक्सप्रेस में लटकी साइकिल के सिगनल पोल में टकराने से जख्मी यात्रियों की सुधी 24 घंटे बाद रेलवे अधिकारियों ने लिया. रेलवे अधिकारी प्रावधान के अनुसार मंगलवार की दोपहर मुआवजा राशि लेकर सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच पहुंचे.
हालांकि, तब तक अस्पताल में भरती जख्मी यात्री अपने घर या कहीं दूसरे अस्पताल में चले गये थे. इस कारण सदर अस्पताल में भरती एक व्यक्ति को ही पांच सौ रुपये का मुआवजा मिल सका. एसकेएमसीएच में भरती गंभीर रूप से घायल दोनों मरीज को पांच-पांच हजार मुआवजा देने के लिए अधिकारी गये थे. एरिया मैनेजर ने बताया कि वहां यात्री जख्मी हालत में भरती हुए. वे बिना सूचना के ही अस्पताल से चले गये हैं. इस कारण मुआवजा की राशि दोनों को नहीं दी जा सकी.
जांच में कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठहराया दोषी
एरिया मैनेजर जेपी त्रिवेदी के नेतृत्व में चार सदस्यीय अधिकारियों की जांच टीम मंगलवार की सुबह कुढ़नी गयी. गुमटी नंबर 18 पर तैनात रेल कर्मचारी से पूछताछ कर घटना के बारे में जानकारी ली. इसके बाद उस सिगनल पोल के समीप टीम गयी, जहां घटना घटी थी. एरिया मैनेजर ने बताया कि सिगनल पोल में जो सिढ़ी लगी थी. नीचे से उसका कोई सपोर्ट नहीं था. ट्रेन जब तेज रफ्तार में थी, तब सीढ़ी
हवा में हिल कर ट्रेन से टकरा गया. इसके लिए दोषी रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य करनेवाली कंपनी को ठहराया गया है. रिपोर्ट डीआरएम को सौंप दी गयी है.
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