मुजफ्फरपुर: चर्चित नवरुणा अपहरण कांड के बाद नाले से मिला कंकाल नवरुणा का है या किसी और का, इस पर से एक माह के अंदर परदा हट जायेगा. अभी सीबीआइ टीम जांच के अन्य दिशाओं के साथ-साथ कंकाल मिलने की पहलू पर भी जांच कर रही है. जिसके तहत मंगलवार को नवरुणा के माता-पिता के ब्लड सेंपल के साथ ही कंकाल का भी नमूना एसकेएमसीएच के चिकित्सकों के सहयोग से टीम के सदस्यों ने लिया. सीबीआइ जांच टीम का नेतृत्व कर रहे राजीव रंजन के अनुसार जांच प्रक्रिया में करीब एक माह का समय लगेगा. ऐसी स्थिति में एक माह के अंदर इस मामले का खुलासा हो जायेगा. देर शाम कोर्ट के आदेश के बाद सभी नमूने को जांच के लिए सीएफएसएल कार्यालय दिल्ली भेजा गया है.
जिस कंकाल के अवशेष की जांच नगर पुलिस ने दिसंबर माह 2012 में पटना पीएमसीएच में करायी थी. सीबीआइ उस कंकाल की भी जांच दिल्ली स्थिति एफएसएल में करायेगी. सीबीआइ की टीम पीएमसीएच के एफएमटी विभाग से संपर्क कर जांच को भेजे गये अवशेष को जांच के लिए मंगायेगी.
घेरे में आयेंगे कई लोग
जांच के लिए कंकाल के सभी अलग-अलग पार्ट को भेजा गया है. यदि कंकाल का पार्ट एक ही व्यक्ति का साबित होता है. तो इस पर जांच की दिशा कुछ अलग होगी. यदि कंकाल अलग-अलग लोगों का होता है तो इस स्थिति व कई लोग व अधिकारी जांच के घेरे में आयेंगे. वैसे तो सीबीआइ की जांच शुरू होने के साथ ही कई अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गयी थी. ब्लड सेंपल व कंकाल का नमूना जांच के लिए भेजे जाने के बाद ऐसे अधिकारियों की बेचैनी और भी बढ़ गयी है.
सैंपल से पूर्व तैयार कराया कागजात
चक्रवर्ती दंपति का ब्लड सैंपल लेने से पूर्व सीबीआइ के अधिकारी हर कागजात को तैयार कर रहे थे. पांच घंटे तक एसकेएमसीएच में रहने के दौरान छह प्रकार के नमूने एकत्रित किये गये.
कपड़ा भी सीबीआइ के हवाले
नगर पुलिस ने नाले से मिले कंकाल के अवशेष के साथ पांच कपड़े का टूकड़ा,जिसमें दो छोटा पैंट था. सीबीआइ कपड़े के टुकड़े की भी जांच करायेगी.
अवशेष लेकर पहुंचे पूर्व नगर थानाध्यक्ष
एसकेएमसीएच में ब्लड सैंपल देने के दौरान तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद भी पहुंचे. एसएसपी सौरभ कुमार ने उन्हें नाले से मिले कंकाल के अवशेष को सीबीआइ के हवाले करने का निर्देश दिया था. पूर्व नगर थानाध्यक्ष जब अवशेष लेकर पहृुंचे, तो परिजनों ने कंकाल में मुंड नहीं देख आपत्ति जतायी. हालांकि सीबीआइ अधिकारी के समझाने के बाद वे मान गये. उन्हें बताया गया कि जांच के लिए मुंड को विभक्त किया गया है. चक्रवर्ती दंपति की उपस्थिति में कंकाल को मानव आकृति देने की कोशिश की गयी.
खोपड़ी गायब होने पर तिलमिलाये परिजन!
पूर्व नगर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार द्वारा लाये कंकाल को देखते ही नवरूणा के परिजन भड़क गये. पैथोलॉजी कक्ष संख्या- 19 से बाहर निकल गये. बाहर निकल कर कंकाल से खोपड़ी गायब होने की बात कहने लगे. उन्हें बताया गया कि जांच के दौरान मुंड का टुकड़ा किया जाता है. इस लिए यह टुकड़ा में दिख रहा है. इस पर नवरूणा के पिता अतुल चक्रवर्ती व उनकी पत्नी दोनों पैथोलॉजी कक्ष में वापस लौटे. अतुल्य चक्रवर्ती ने बताया कि उन्हें सीबीआइ पर भरोसा है. सैंपल के रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.