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जीवनशैली की विकृति और तनाव से बढ़ रहीं बीमारियां : बीबी ठाकुर
मुजफ्फरपुर : स्वस्थ रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. प्रकृति के नियमानुसार वातावरण, प्रकृति व रख- रखाव के आधार पर हमारा विकास होता है. स्वास्थ्य हमारे जीवनशैली पर निर्भर करता है और हमारी जीवनशैली आहार, व्यवहार, विचार व आचार के साथ बहुत सारी अन्य बातों पर निर्भर करती है. जीवनशैली की विकृति व तनाव से तमाम […]
मुजफ्फरपुर : स्वस्थ रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. प्रकृति के नियमानुसार वातावरण, प्रकृति व रख- रखाव के आधार पर हमारा विकास होता है. स्वास्थ्य हमारे जीवनशैली पर निर्भर करता है और हमारी जीवनशैली आहार, व्यवहार, विचार व आचार के साथ बहुत सारी अन्य बातों पर निर्भर करती है. जीवनशैली की विकृति व तनाव से तमाम तरह की बीमारियां बढ़ रही है. यह कहना है वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीबी ठाकुर का. डॉ ठाकुर का कहना है कि आधुनिक दवाओं की बजाय योग अपनाकर ही हम स्वस्थ रह सकते हैं.
डॉ गिरि ने बताया कि ऐसी बहुत सारी मनोदैहिक बीमारियां है जो जीवनशैली में विकृतियों व तनाव के कारण ही उत्पन्न होती है. इसमें मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयरोग, मानसिक रोग, एचआइवी/ एड्स, पेट संबंधी बीमारियां, शारीरिक शिथिलता, श्वास संबंधी रोग, जोड़ संबंधी रोग, महिलाओं में मासिक रोग, कैंसर, मस्तिष्क के धमनी संबंधी रोग. इन बीमारियों को अगर हम आधुनिक चिकित्सा पद्धति से उपचार करें तो ये पूर्ण रूप से उपचारित नहीं होंगी.
साथ ही आधुनिक दवाइयों के कुप्रभाव भी हमारे शरीर पर पड़ते हैं. यह आवश्यक है कि हम अपने जीवनशैली में परिवर्तन लायें व योग को अपनाएं. इससे हम पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं. योग सबके लिए है, सार्वभौमिक और सुलभ है. इसका अभ्यास किसी धर्म के विरूद्ध नहीं है. यह केवल आसन व प्राणायाम ही नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है. योग जीवन जीने की सर्वाधिक अनुकूल विधि है. जीवन से अलग कोई चीज नहीं है.
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