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विश्व थाइराइड दिवस आज : मुंगेर स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है जांच की व्यवस्था

जिले में केवल कार्यक्रम तक ही सीमित रह गया है थाईराइड बीमारी को लेकर जागरूकता

जिले में केवल कार्यक्रम तक ही सीमित रह गया है थाइराइड बीमारी को लेकर जागरूकता

मुंगेर. पूरा विश्व आज विश्व थाइराइड दिवस मना रहा है. वर्तमान समय की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण अनियमित खानपान और रहन-सहन ने थाइराइड जैसी बीमारियों को काफी तेजी से बढ़ा दिया है. डायबीटिज की तरह ही अनियमित दिनचर्या के कारण लोग थाइराइड जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. हलांकि सरकार थाइराइड जैसे मामलों को कम करने के लिये कई स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रही है. लेकिन मुंगेर स्वास्थ्य विभाग के पास न तो थाइराइड के समुचित जांच की व्यवस्था है और न ही इलाज की सुविधा. जिसके कारण मुंगेर में थाइराइड के मामलों का कोई आंकड़ा तक स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है.

पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं में थाइराइड के मामले अधिक

थाइराइड आज के समय में तेजी से दुनिया भर में पांव पसार रहा है. हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है. ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके. थाइराइड, खराब लाइफ़स्टाइल और गड़बड़ खानपान आदि से भी होता है. कुछ शोध के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं सबसे अधिक थाइराइड की शिकार हो रही हैं. थाइराइड दो प्रकार के होते हैं. पहला हाइपरथाइराइड और दूसरा हाइपोथाइराइड. जहां एक ओर हाइपरथाइराइड में सबसे अधिक हार्मोन का निर्माण होता है. जिससे शरीर फूलने लगता है. जबकि दूसरी ओर हाइपोथाइराइड में हार्मोन का उत्पादन कम होता है. जिससे शरीर सूखने लगता है. जिसे आमभाषा में सूखी थायराइड कहा जाता है.

गैर संचारी रोग (एनसीडी) इस साल का थीम

विश्व थायराइड दिवस (डब्ल्यूटीडी) 2024 का थीम गैर-संचारी रोग (एनसीडी) है. (नॉन-कम्यूनिकेबल डिजिज ). शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि थाइराइड वजन बढ़ना या फिर घटने से भी सकता है. इसमें आवाज में भारीपन होना, त्वचा का सूखना, कब्ज होना, दिल की धड़कन का धीमा होना, कोलेस्टेरोल का बढ़ना, कमजोरी और थकान महसूस होना, याददाश्त कमजोर होना, मांसपेशियों में कठोरता आना और उसमें दर्द होना, नींद नहीं आना आदि है. इससे बचाव के लिये जरूरी है कि गोइट्रोजेन युक्त खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज रखने की कोशिश करें. आयोडीन की कमी थायरॉइड की समस्या का एक बड़ा कारण है. इसके लिये खोने में आयोडीन को शामिल करें तथा योगाभ्यास, टहलना आदि को अपने दिनचर्या में शामिल करें.

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