रहें सावधान, उमस भरी गरमी में बढ़ने लगी बीमारी
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डायरिया का बढ़ा प्रकोप, दर्जन भर मरीज अस्पताल में भरती
रहें सावधान, उमस भरी गरमी में बढ़ने लगी बीमारी मुंगेर : उमस भरी गरमी के साथ बीमारियां भी बढ़ने लगी है़ पिछले एक सप्ताह से जिले में पड़ रही प्रचंड गरमी के कारण डायरिया का भी प्रकोप काफी बढ़ गया है़ पिछले 24 घंटे में डायरिया से पीड़ित दर्जन भर मरीजों को इलाज के लिए […]
मुंगेर : उमस भरी गरमी के साथ बीमारियां भी बढ़ने लगी है़ पिछले एक सप्ताह से जिले में पड़ रही प्रचंड गरमी के कारण डायरिया का भी प्रकोप काफी बढ़ गया है़ पिछले 24 घंटे में डायरिया से पीड़ित दर्जन भर मरीजों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया गया है़ ऐसे मौसम में लोग यदि अपने खान-पान में जरा भी असावधानी बरतेंगे तो उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है़ गर्मी के कारण बढ़ रही बीमारियों से सावधान रहने की जरूरत है़
पिछले 24 घंटे में सदर अस्पताल में डायरिया से पीड़ित लगभग दर्जन भर मरीजों को इलाज के लिए भरती कराया गया है़ जिसमें अधिकांश मरीज खान-पान में असावधानी बरतने के कारण ही डायरिया के शिकार हुए हैं. आइसोलेशन वार्ड में भरती डायरिया पीड़ित शीतलपुर निवासी रोहित कुमार सिंह, सारोबाग निवासी रानी देवी, हेमजापुर निवासी मंजू देवी, चुरंबा निवासी मो. हुसैन, सीताकुंड निवासी मो. अकबर, मो. धूरो, सफियाबाद निवासी रेणू देवी, पूरबसराय निवासी रामवती देवी, संदलपुर निवासी नगमा नाहिद, मिर्जापुर बरदह निवासी मो. आलमगीर सहित अन्य ने बताया कि खान-पान में थोड़ी असावधानी होने से वे सब डायरिया के शिकार हुए हैं.
डायरिया होने का कारण: डायरिया उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में एकाएक मौसम का बदलना, ज्यादा खाना, दूषित फल और पानी का सेवन, अति शीतल जल, बर्फ अधिक खाना सहित अन्य कारण हैं. जिसमें सर्वाधिक दूषित पानी डायरिया की बड़ी वजह है़ गर्मियों में दूषित पानी के ज्यादा सेवन से पेट में बहुत बड़ी मात्रा में अशुद्धियां चली जाती है जो डायरिया , उल्टी तथा अन्य बिमारियों की वजह बनती है़
डायरिया के लक्षण : डायरिया के लक्षणों के रूप में दस्त आने के पहले हलका, मीठा पेट दर्द होना, कभी थोड़ा गाढ़ा तो कभी पानी के समान की तरह तेजी के साथ मल निकलना, शारीरिक दुर्बलता, पेट दबाने पर पीड़ा होना, जीभ सूखना इसके अलावा हाथ-पैर ठंडे पड़ना, शरीर में बेचैनी, थकान आदि लक्षण देखने को मिलते हैं. चिकित्सकों के अनुसार ऐसे लक्षण पाये जाने पर जीवन रक्षक घोल यानी ओ.आर.एस. घोल या एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और चुटकी भर नमक मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद एक-एक कप पीएं. भोजन के रूप में दही-चावल या खिचड़ी खाएं. चावल का मांड़ (चावल उबलने के बाद बचा हुआ गाढ़ा सूप ), मूंग या मसूर की दाल का सूप, साबूदाना की खीर, छाछ या दही इच्छानुसार सेवन करें.
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