मुंगेर : मुंगेर प्रमंडल पिछले दो माह से बिना डीआइजी का चल रहा है. विगत 31 जनवरी को मुंगेर रेंज के डीआइजी वरुण कुमार सिन्हा सेवानिवृत्त हुए और उसके बाद राज्य सरकार ने यहां किसी अधिकारी को डीआइजी के रूप में पदस्थापित नहीं किया है. फलत: यह प्रमंडल डीआइजी विहीन है. यूं तो मुंगेर प्रमंडल में डीआइजी का पद लगभग एक वर्ष से रिक्त है.
क्योंकि वरुण कुमार सिन्हा मूलरूप से भागलपुर रेंज के डीआइजी थे और उन्हें मुंगेर प्रमंडल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.मुंगेर रेंज में मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगड़िया एवं बेगूसराय जिले आते हैं. अपराध के दृष्टिकोण से ये सारे जिले अतिसंवेदनशील हैं. साथ ही मुंगेर, लखीसराय एवं जमुई पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. बावजूद राज्य सरकार द्वारा अबतक डीआइजी का पदस्थापन नहीं किये जाने से सामान्य कामकाज के अतिरिक्त पुलिस विभाग के नियंत्रण में भी परेशानी आ रही है. जिन लोगों के शिकायत का निबटारा एसपी के स्तर पर नहीं हो पाता वे डीआइजी को तलाशते हैं. लेकिन महीनों से डीआइजी का पद रिक्त रहने से आम लोगों के शिकायतों का भी निबटारा नहीं हो पा रहा. दूसरी ओर डीआइजी कार्यालय में मामला का बोझ बढ़ता जा रहा है. जबकि न्याय की आस में भी झूठे मुकदमे में फंसे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है.
नहीं हैं डीएसपी एडमिन
पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय में एक डीएसपी एडमिन का पद सृजित है. लेकिन यह पद भी मुंगेर में वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है. जब यहां के डीआइजी सुधांशु कुमार थे तो पुलिस मुख्यालय द्वारा एक डीएसपी गोपाल जी प्रसाद को यहां प्रतिनियुक्त किया गया था. लेकिन दुर्भाग्य यह हुआ कि योगदान से पहले ही वे लकवा रोग के शिकार हो गये. जिसके कारण वे यहां योगदान भी नहीं कर पाये और बिना योगदान के ही वे मुंगेर रेंज से 31 दिसंबर 2016 को सेवानिवृत्त हो गये.