मुंगेर : कोलकाता के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ सुबीजॉय सिन्हा ने कहा कि मधुमेह के मरीजों में रेटिनोपैथी की बीमारी के बारे में आखिरी स्टेज तक पता नहीं चलता. जब पता चलता है तब तक काफी देर हो गयी होती है. जिस कारण उस आखिरी स्टेज में इसके इलाज की संभावना कम ही रहती है. इस कारण रेटिनल रोग से बचने के लिए मधुमेह के मरीजों को रेगुलर आंखों का चेकअप कराना चाहिए. वे बिहार नेत्रालय में मरीजों के इलाज के बाद पत्रकारों से बातचीत में कर रहे थे.
मौके पर बिहार नेत्रालय के एमडी डॉ सुभाष बल्लभ विजेता मुख्य रूप से मौजूद थे. पहली बार बिहार नेत्रालय के प्रयास से कोलकाता के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ सुबीजॉय सिन्हा मुंगेर पहुंचे. उन्होंने 75 से अधिक मरीजों के आंखों का चेकअप किया और आंखों के अंदर सूई लगायी. ग्रीन लेजर से रेटिना का ऑपरेशन भी किया. उन्होंने बिहार नेत्रालय में लगे सेटअप देखकर काफी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मुंगेर जैसे छोटे शहर में इतनी व्यवस्था होना हर्ष की बात है. डॉ सुभाष बल्लभ विजेता ने कहा कि अब तक 5000 से अधिक नेत्र रोगियों का रेटिना सर्जरी कर चुके है. मुंगेर के लिए यह सौभाग्य की बात है उन्होंने यहां के रोगियों के लिए समय निकाला.