निष्क्रियता. पंचायत सेवक को नक्सलियों ने दी थी धमकी
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मामले में नहीं हुई प्राथिमकी
निष्क्रियता. पंचायत सेवक को नक्सलियों ने दी थी धमकी बनगामा के पंचायत सेवक को नक्सलियों ने धमकी दी थी. इस मामले में अब तक प्राथमिकी नहीं हुई है. अक्तूबर 2016 के मामले में अब तक कार्रवाई न होना सवाल खड़े करता है. यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो क्यों नहीं हुई, इसकी भी रिपोर्ट सामने नहीं […]
बनगामा के पंचायत सेवक को नक्सलियों ने धमकी दी थी. इस मामले में अब तक प्राथमिकी नहीं हुई है. अक्तूबर 2016 के मामले में अब तक कार्रवाई न होना सवाल खड़े करता है. यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो क्यों नहीं हुई, इसकी भी रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है. ऐसे में पुलिस की सक्रियता पर प्रश्नचिह्न लग गया है.
मुंगेर : टेटियाबंबर प्रखंड के बनगामा पंचायत के पंचायत सेवक विद्यानंद यादव को नक्सलियों द्वारा मिली धमकी मामले में दो माह बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पायी है. टेटियाबंबर प्रखंड के बीडीओ द्वारा पंचायत सेवक के आवेदन को दो बार अलग-अलग तरीके से थाना भेजने के कारण मामला पेचिदा हो गया. हाल यह है कि दो माह से पुलिस जांच ही कर रही और कार्रवाई शून्य है.
24 जनवरी 2017 को थाने में गया आवेदन : पंचायत सचिव ने 30 अक्तूबर 2016 को हवेली खड़गपुर थाना प्रभारी के नाम टेटियाबंबर के बीडीओ को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया. लेकिन बीडीओ द्वारा मामला को रोक कर रख लिया गया. उनके द्वारा 24 जनवरी 2017 को एक पत्र थानाध्यक्ष को भेजा गया. जिसमें बीडीओ ने लिखा कि पंचायत सेवक द्वारा दिये गये आवेदन के आलोक में अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाये.
मामला है झूठा
हवेली खड़गपुर अंचल के पुलिस निरीक्षक सह प्रभारी थानाध्यक्ष रिजवान अहमद से जब पूछा गया गया तो उन्होंने कहा कि मामला पूरी तरह से झूठ है. चिट्ठी भी झूठी है. मैंने इस मामले में पुलिस अधीक्षक को सब कुछ बता दिया है.
कहते हैं बीडीओ
बीडीओ आलोक कुमार ने कहा कि पहले उन्होंने पंचायत सचिव के आवेदन पर अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई के लिए थाना को पत्र लिखा. पुन: मैंने दूसरा पत्र जांचोपरांत विधि सम्मत कार्रवाई करने के लिए लिखा. दो-दो पत्र क्यों लिखा गया. इस पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने बताया कि बीडीओ के माध्यम से एक आवेदन प्राप्त हुआ है. जिसमें पंचायत सेवक को नक्सलियों द्वारा धमकी की बात कही गयी थी. लेकिन पुन: बीडीओ द्वारा एक पत्र दिया गया कि जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये. पुलिस द्वारा मामले का अनुसंधान किया जा रहा है. मामला सत्य पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज कर संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
अक्तूबर 2016 को नक्सलियों ने जारी किया था पत्र
बनगामा के पंचायत सेवक विद्यानंद यादव को 29 नवंबर 2016 को मोटर साइकिल सवार ने एक पर्ची दी थी. भारत की कम्युनिष्ट पार्टी (माओवादी) जमुई-मुंगेर-बांका-भागलपुर-लखीसराय जोनल कमेटी द्वारा पत्रांक, दिनांक से जारी चिट्ठी थी. जिसमें नक्सलियों ने लिखा था कि पंचायत सेवक विद्यानंद यादव तुम कान खोलकर सुन लो. पंचायत के मुखिया भीम मंडल से तुम चेक पर साइन और कमीशन देने में हाथापाई करते हो. तुम पांच लाख रुपया भीम को दे दो और चेक पर साइन करते रहना है. अगर ऐसा नहीं किया तो तुम्हें सजा-ए-मौत दी जायेगी. तुम प्रखंड छोड़ कर चले जाओ. इसी में तुम्हारी भलाई है. क्योंकि इस संगठन को मुखिया और उसका नाती प्रवीण ने पांच लाख रुपये सालाना देने का वादा किया है. इस संगठन को मजबूत बनाने के लिए. चालाकी करने की कोशिश किया तो तुम्हारे घर परिवार को बारूद के ढेर में मिला दूंगा.
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