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आपसे बड़ी उम्मीदें हैं मुख्यमंत्री जी

अपनी निश्चय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मुंगेर आ रहे हैं. वे यहां चेतना सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही सात निश्चय की योजनाअों की समीक्षा भी करेंगे. मुंगेर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन पर मुंगेरवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं. एक ओर जहां अभियंत्रण महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के धरातल पर उतरने की […]

अपनी निश्चय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मुंगेर आ रहे हैं. वे यहां चेतना सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही सात निश्चय की योजनाअों की समीक्षा भी करेंगे.

मुंगेर : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन पर मुंगेरवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं. एक ओर जहां अभियंत्रण महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के धरातल पर उतरने की उम्मीद है. वहीं मुंगेर-खगड़िया के बीच सड़क सेवा को शीघ्र चालू होने की उम्मीद लिये लोग बैठे हैं. क्योंकि गत वर्ष गंगा रेल सह सड़क पुल तो बन कर तैयार हो गया और रेल यातायात भी प्रारंभ हुआ. किंतु सड़क के लिए अभी भी वर्षों का इंतजार बाकी है.
एप्रोच पथ का है इंतजार
दशकों के इंतजार के बाद मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल तो बन गया. लेकिन एप्रोच पथ नहीं होने के कारण सड़क सेवा बहाल नहीं हो पा रही. राष्ट्रीय उच्च पथ 80 एवं राष्ट्रीय उच्च पथ 31 को जोड़ने के लिए जो उच्च पथ का निर्माण होना है वह मामला भूमि अधिग्रहण के पेंच में फंसा है. यदि सब कुछ सामान्य रहा तो ढाई से तीन साल में एप्रोच पथ का सड़क बन पायेगा. लेकिन यदि गंगा पुल के दोनों ओर पुल से छोटा लिंक रोड नीचे उतार दिया जाय तो इस पुल का उपयोग तत्काल प्रारंभ हो सकता है.
इंजीनियरिंग कॉलेज का सपना अब भी अधूरा
10 मार्च 2007 को अपने विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर आये थे और पोलो मैदान में महती सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की थी कि मुंगेर में इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज खुलेगा. मुंगेर के लोग तब से आस लगाये बैठे हैं कि इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज में उनके बच्चे पढेंगे. लेकिन अब तक महज पॉलिटेक्निक कॉलेज के भवन निर्माण किया गया है. जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज का मामला धरातल पर नहीं उतर पाया है. यदि सीएम द्वारा घोषित योजना की रफ्तार यही रही तो इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए अभी भी वर्षों का इंतजार करना होगा.
सुस्त है योजनाअों का क्रियान्वयन
नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल
मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना चलायी गयी है. लेकिन गंगा के तट पर रहने वाले मुंगेर शहर के लोग आज भी प्यासे हैं. शहरी जलापूर्ति योजना बीरबल की खिचड़ी कहावत को चरितार्थ कर रहा है. पिछले पांच वर्षों से यहां के लोग आस लगाये बैठे हैं कि शीघ्र जलापूर्ति योजना चालू होगी और उनके घरों को पानी मिलेगा. लेकिन यह योजना कब पूरी होगी और कब लोगों की प्यास बुझेगी यह किसी को पता नहीं.

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