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भवन के अभाव में असुरक्षित हैं मुंगेर के थाने

मुंगेर : जमीन के अभाव में जिले के थानों को अपना भवन नसीब नहीं हो रहा है. इसमें कई ऐसे थाने हैं जो नक्सल प्रभावित एवं एनएच 80 पर है. इसके कारण दूसरों को सुरक्षा देने वाला थाना आज खुद असुरक्षित हैं, जबकि वहां तैनात पुलिस अधिकारी व जवानों में असुरक्षा की भावना हमेशा बनी […]

मुंगेर : जमीन के अभाव में जिले के थानों को अपना भवन नसीब नहीं हो रहा है. इसमें कई ऐसे थाने हैं जो नक्सल प्रभावित एवं एनएच 80 पर है. इसके कारण दूसरों को सुरक्षा देने वाला थाना आज खुद असुरक्षित हैं, जबकि वहां तैनात पुलिस अधिकारी व जवानों में असुरक्षा की भावना हमेशा बनी रहती है. इसका प्रभाव उनके कार्य क्षमता पर पड़ता है.

मुंगेर में 19 थाना व ओपी हैं. इसमें से 10 थानों को अपना जमीन नहीं रहने के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है. जबकि पिछले वर्ष नक्सल प्रभावित नयारामनगर एवं बरियारपुर थाना भवन निर्माण के लिए दो करोड़ की राशि आयी थी. लेकिन जमीन नहीं होने के कारण इसके भवन निर्माण की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गयी. बरियारपुर थाना आज भी पीडब्लूडी विभाग के भवन में चल रहा है. जबकि नयारामनगर थाना प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र जानकीनगर में संचालित है.
इतना ही नहीं कोतवाली थाना को भी अपनी जमीन नसीब नहीं हुई है. जबकि सफियाबाद ओपी, हेमजापुर ओपी, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के शामपुर, गंगटा, हरपुर एवं महिला थाना को भी जमीन नहीं है. टेटियाबंबर थाना के लिए जमीन मिल गया है. जिसके भवन निर्माण के लिए राशि मांगी गयी है. जबकि हरपुर थाना के जमीन अधिग्रहण के लिए भूस्वामियों से बात की जा रही है. लेकिन गतिरोध आजतक समाप्त नहीं हुआ. पुलिस विभाग द्वारा लगातार जमीन के लिए जिलाधिकारी को लिखा जाता रहा है.
कहते हैं एसपी . पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने कहा कि थाना भवन के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए आयुक्त एवं जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. जैसे ही जमीन मिलती है वहां थाना भवन निर्माण का कार्य अविलंब प्रारंभ किया जायेगा.
सीसीटीएनएस के लाभ
मैन्युअल रिकॉर्ड/रजिस्टर के रख-रखाव में लगने वाले समय और श्रम की बचत होगी.
अपराध अनुसंधान एवं रोकथाम हेतु आवश्यक रिपोर्ट एवं जानकारियां तत्काल ऑनलाइन उपलब्ध होगी.
सूचनाओं संकलन में आसानी होने के साथ समय की बचत होगी.
आवश्यकता होने पर ऑनलाइन निर्देश देने की सुविधा होगी.
देशभर के थानों में अपराध और अपराधियों की जानकारी मिल सकती है.
विभिन्न राज्यों में होने वाले अपराधों के तरीकों का पता लगाने में सहायता प्राप्त होगी.
ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा प्राप्त होगी.
नागरिकों द्वारा की गई शिकायतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग संभव होगी.
मोटर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, लापता व्यक्तियों, अज्ञात व्यक्ति, शवों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी .

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