चकाई रेफरल अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम है. चिकित्सक के इंतजर में दर्जनों मरीज सुबह छह से लेकर दिन के ग्यारह बजे तक बैठे रहे पर नहीं करा पाये इलाज और निराश होकर घर लौट गये.
सरौन : चकाई रेफरल अस्पताल में शनिवार को फिर एक बार कुव्यवस्था का आलम देखा गया़ दर्जनों मरीज सुबह से लेकर दिन के ग्यारह बजे तक इलाज के लिए बैठे रहे़ लेकिन एक भी चिकित्सक का अता-पता नहीं था़ प्रखंड के गरही सौतारी से आये भुटू दास जो तेज बुखार से पीड़ित थे़ उन्होने बताया कि वे सुबह छ: बजे ही अस्पताल आये है लेकिन इलाज नहीं करवा सके है़ बीमार भुटू ने बताया कि उनकी माली हालत इतनी खराब है कि वो निजी अस्पताल में अपना इलाज नहीं करा सकते है़
वही पंद्रह किलोमीटर की दूरी तयकर कोंकहरा से आये कुलदीप यादव, सिजुआ के राजीव हांसदा, राजा सराय के लक्ष्मण मरांडी, पराची के पार्वती देवी, तीनघरा की रेखा देवी व नुनधन शर्मा, बिनोद वर्मा, मतेडीह के महेन्द्र यादव, पाटजोरी की रेशमी देवी भी इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंची थी़ लेकिन चिकित्सक के इंतजार में रोगी परेशान रहे और कुछ घर वापस लौट गये कुछ निजी क्लिनिक में इलाज कराये.
घंटों इंतजार के बाद निजी क्लिनिक में कराना पड़ा इलाज
चकाई रेफरल अस्पताल में शनिवार को चिकित्सकों के गायब रहने के कारण वे लोग घंटों पीड़ा झेलती रही़ उनकी पीड़ा सुनने के लिए कोई चिकित्सक अस्पताल में मौजूद नहीं थे. चिकित्सकों के नहीं आते देख तीनघारा की रेखा देवी व बिनोद वर्मा इलाज कराने के लिए निजी क्लिनिक में चली गयी़ इस संबंध में पूछे जाने पर रेफरल अस्पताल प्रभारी डाॅ रमेश प्रसाद ने बताया कि मैं जिला मीटिंग में हूं. आज डाॅ एसएस दास का ड्यूटी था फिर भी वे किन कारणों से अस्पताल में मौजूद नहीं हैं.प्रखंड मुख्यालय आकर इसकी छानबीन कर आगे की कार्रवाई करुंगा़
हाल चकाई रेफरल अस्पताल का