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उपद्रवियों की खैर नहीं, बरसेंगी पेपर गन की गोलियां

पुलिस लाइन में हुआ मॉक ड्रील, एसपी ने किया फायर मुंगेर : दंगाइयों पर नकेल कसने के लिए मुंगेर पुलिस फुल प्रुफ तैयारी कर चुकी है. दंगाइयों के भीड़ से निबटने के लिए पुलिस अब पेपर गन व पैलेट गन से गोली बरसायेगी. जिसका मंगलवार को मुंगेर पुलिस लाइन में मॉक ड्रील किया गया. पुलिस […]

पुलिस लाइन में हुआ मॉक ड्रील, एसपी ने किया फायर

मुंगेर : दंगाइयों पर नकेल कसने के लिए मुंगेर पुलिस फुल प्रुफ तैयारी कर चुकी है. दंगाइयों के भीड़ से निबटने के लिए पुलिस अब पेपर गन व पैलेट गन से गोली बरसायेगी. जिसका मंगलवार को मुंगेर पुलिस लाइन में मॉक ड्रील किया गया. पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने गन से गोलियां बरसायी. मौके पर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार, एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा, मुख्यालय डीएसपी विश्वनाथ राम सहित विभिन्न थाना के थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मी मौजूद थे.
मुंगेर पुलिस को मुख्यालय से किसी भी बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 3 पेपर गन एवं 6 पैलेट गन दिया गया है. जबकि उच्च कोटी के टीयर गैस का पूरा सिस्टम ही मिला है. मॉक ड्रील में दिखाया गया कि दंगाइयों की भीड़ जमा हो गयी है और पुलिस वहां विस्फोटक स्थिति बनाने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रहा है. भीड़ है कि पुलिस को कुछ समझ नहीं रहा. जिस पर एसडीओ डॉ कुंदन कुमार ने हैंड माइक से भीड़ को समझाने का प्रयास किया.
जबकि भीड़ नहीं समझी तो उस पर पैलेट, पेपर गन से गोलियां बरसाने का निर्देश दिया. जिसके बाद पुलिस बल द्वारा भीड़ को तितर-वितरण करने के लिए पेपर गन व पैलेट गन से गोलियां चलायी गयी. भीड़ पर टीयर गैस छोड़ा गया. इस पूरे प्रकरण से इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मियों को अवगत कराया गया और कहा गया कि वे भीड़ से इस तरह मुकाबला कर सकते हैं.
पुलिसकर्मियों पर हुआ प्रयोग
पेपर व पैलेट गन के मारक क्षमता एवं उससे होने वाले हानी पर आधारित मॉक ड्रील में पुलिस कर्मियों पर प्रयोग किया गया. पुलिस अधीक्षक आशीष भारती, एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा ने खुद इन गनों से गोलियां बरसायी. पुलिस कर्मियों को 50 मीटर पर खड़ा कर उस पर गोलियां दागी गयी.
क्या है पेपर गन
पेपर गन 1000 से 2000 के भीड़ को तितर-वितर करने की क्षमता रखता है. पेपर गन से जो गोली निकलती है वह शारीरिक क्षति नहीं पहुंचाती है. इस गोली को मिर्ची गोली भी कहा जाता है. जो व्यक्ति के शरीर पर गोली लगने के बाद वह विस्फोट करता है. विस्फोट के बाद गोली में बारुद की जगह मिर्ची पाउडर होता है. जिससे व्यक्ति के शरीर में खुजलाहट होती है. जिसका असर 24 घंटे तक रहता है, जबकि पैलेट गन में रबर व कागज की गोली इस्तेमाल की जाती है. यह गोली जिस व्यक्ति के शरीर के जिस भाग में लगेगा वहां घाव कर देगा. इन गनों की मारक क्षमता 50 मीटर है.

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