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कटिहार भेजा पॉलीथिन शीट

बाढ़. चलती रहीं बैठकें, फाइलों में तैयारी, खुद की चिंता नहीं मुंगेर : बाढ़ की विभीषिका को लेकर पिछले तीन माह से प्रशासनिक स्तर पर तैयारी चल रही थी. बैठकों का दौर चलता रहा और फाइलों में तैयारी होती रही. प्रशासन बाढ़ की तबाही का पूर्वानुमान भी नहीं कर पाया और जब तबाही मचने लगी, […]

बाढ़. चलती रहीं बैठकें, फाइलों में तैयारी, खुद की चिंता नहीं

मुंगेर : बाढ़ की विभीषिका को लेकर पिछले तीन माह से प्रशासनिक स्तर पर तैयारी चल रही थी. बैठकों का दौर चलता रहा और फाइलों में तैयारी होती रही. प्रशासन बाढ़ की तबाही का पूर्वानुमान भी नहीं कर पाया और जब तबाही मचने लगी, तो राहत की व्यवस्था में प्रशासनिक अधिकारी जुटे. चाहे वह राहत शिविर खोलने में विलंब की बात हो या फिर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की. आंकड़े पर गौर करें तो जिले में 2.10 लाख लोग पीड़ित हैं,जबकि राहत शिविरों तक 30 हजार ही पहुंच पाये हैं. आज भी 1.80 लाख लोग प्रशासनिक राहत व्यवस्था से अछूते हैं.
बाढ़ आने पर पॉलीथिन खरीद की शुरू हुई प्रक्रिया
बाढ़ पूर्व तैयारी का सबसे बड़ा नमूना यह रहा कि जब बाढ़ ने दस्तक दे दी, तो प्रशासनिक स्तर पर पॉलीथिन खरीद की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. फलत: समय पर प्रशासन पीड़ित परिवारों को पॉलीथिन तक उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हो रहा. जिला प्रशासन द्वारा बताया गया कि पूर्व में राज्य मुख्यालय के निर्देश पर 4000 पॉलीथिन शीट मुंगेर से कटिहार भेज दिया गया था. वैसे अबतक प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार 2900 पॉलीथिन शीट का वितरण किया गया है.
बार-बार जारी होता रहा निर्देश, िफर भी राहत शिविर खोलने में हुआ विलंब
प्रशासनिक बैठकों में बार-बार यह निर्देश जारी किया जाता रहा कि राहत शिविरों का चयन अंचलाधिकारी पूर्व से कर लें, ताकि बाढ़ की स्थिति में वहां तत्काल राहत शिविर का संचालन हो सकें. लेकिन जब मुंगेर सदर, बरियारपुर व जमालपुर के गांव में पानी प्रवेश कर गया और लोग घर से निकल कर सड़कों पर डेरा डालने लगे तो राहत शिविर खोलने में दो दिनों का विलंब हो गया. मुंगेर जिले में पहले मात्र तीन राहत शिविर खोले गये. एक लखीसराय के अमरपुर में, दूसरा जिला स्कूल व तीसरा नौवागढ़ी उच्च विद्यालय में खोले गये. राज्य के मंत्री शैलेश कुमार जब मुंगेर पहुंचे तो आनन-फानन में शिविरों की संख्या बढायी गयी. बुधवार तक जिले में कुल 49 शिविर खोले गये हैं. लेकिन सभी शिविरों पर समुचित भोजन व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
बाढ़ के आकलन में जिला प्रशासन रहा फेल, राहत को लेकर मचती रही अफरा-तफरी
मुंगेर जिले में पहले महज तीन राहत शिविर खोले गये
बुधवार तक जिले में कुल 49 शिविर खोले गये, लेकिन सभी शिविरों में नहीं हो पा रही है समुचित भोजन व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था

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