मुंगेर : बिहार में नीतीश सरकार द्वारा राज्य के फौजी सीएसबी कैंटीन में पूर्ण शराब बंदी का बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ ने विरोध किया है. अवकाश प्राप्त सैनिकों का कहना है कि वे शराब को औषधी के रूप में उपयोग करते हैं. साथ ही कई अन्य प्रांतों में जहां कहीं भी शराब बंदी है वहां फौजी कैंटीन में शराब पर रोक नहीं है. बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ मुंगेर शाखा की ओर से रविवार को आहूत बैठक में सरकार के निर्णय का विरोध करते हुए उसके मौलिक अधिकार के हनन का मामला उठाया है.
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कैंटीन में शराबबंदी का पूर्व सैनिकों ने किया विरोध
मुंगेर : बिहार में नीतीश सरकार द्वारा राज्य के फौजी सीएसबी कैंटीन में पूर्ण शराब बंदी का बिहार राज्य भूतपूर्व सैनिक संघ ने विरोध किया है. अवकाश प्राप्त सैनिकों का कहना है कि वे शराब को औषधी के रूप में उपयोग करते हैं. साथ ही कई अन्य प्रांतों में जहां कहीं भी शराब बंदी है […]
संघ के बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष साधु शरण यादव ने कहा कि किसी भी पूर्ण शराब बंदी वाले राज्य में पूर्व सैनिकों का शराब बंद नहीं किया गया है. सैनिकों का शराब खुले बाजार में नहीं बल्कि निर्धारित फौजी कैंटीन में मिलता है. उन्होंने कहा कि आज लगातार यह सुनने को मिल रहा कि छुट्टी पर आ रहे फौजी के पास शराब की बोतल मिल रही और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा. यह मामला अत्यंत ही गंभीर है.
उन्होंने राज्य के मुखिया नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनके समय में बिहार का मान बढ़ा है. जबकि आज भी बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में पंजाब, हरियाणा व दिल्ली जा रहे. मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि बाहर के किस प्रांत के लोग मजदूरी करने बिहार आ रहे. उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के लिए कैंटीन में मिलने वाले शराब पर रोक हटायी जानी चाहिए.
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