जमालपुर : भारतीय रेलवे यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) को बंद नहीं किया जायेगा. भारतीय रेल के लिए इरिमी काफी अच्छा काम कर रहा है. यहां इलेक्ट्रॉनिक्स व मेकाट्रॉनिक्स के काफी उन्नत टेक्नोलॉजी तथा उपकरणों के गजट तैयार किये जा रहे हैं. एससीआरए को दुबारा चालू किया जा सकता है.
ये बातें रेलवे बोर्ड के अपर सदस्य (उत्पादन इकाई) आरएस कोचक ने सोमवार को इरिमी में कही. वे यहां आइमेके के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रेलवे के उच्चपदस्थ अधिकारियों के दल के नेतृत्वकर्ता के रूप में आये थे. उन्होंने कहा कि इरिमी को रेलवे विश्व विद्यालय बनाये जाने के लिए अबतक रेलवे बोर्ड को
इरिमी नहीं होगा…
प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. वे इसको व्यक्तिगत रूप से देखेंगे. उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी इरिमी में वर्ष 1975 के एससीआरए बैच के हैं. उनके पिता एसएस कोचक भी 1936 बैच के एससीआरए थे. यहां के एससीआरए ने पूरे विश्व में अपना नाम कमाया है. अभी हाल ही में टेक्सॉस में यहां के छात्र ने दस हजार डॉलर का पुरस्कार प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि रेलवे रिसर्च संस्थान के लिए एडवाइजरी कमेटी द्वारा निर्णय लिया जाना है.
आगामी 19 मई को नीति आयोग के सदस्य तथा पद्म भूषण डॉ वीके सारस्वत इरिमी आयेंगे. हालांकि रेलवे में अप्लायड रिसर्च अधिक नहीं होता है. फिर भी रिसर्च के लिए इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट अलग होगा. जहां मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स व मेकाट्रोनिक्स शोध किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि मुंगेर रेल पुल में कोई समस्या नहीं है. रेल पुल होकर 34 सौ एचपी क्षमता वाला इंजन भी चल सकता है. वे इस मामले को देखेंगे कि क्यों सात सौ एचपी क्षमता के इंजन का ही परिचालन किया जा रहा है.