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नशामुक्ति केंद्र में दवाओं का है अभाव, कैसे उतरेगा नशा

मुंगेर : शराबियों को नशा से मुक्त करने व उनके स्वास्थ्य की देखभाल के उद्देश्य से सदर अस्पताल में खोले गये नशा मुक्ति केंद्र में अभी दवाओं का अभाव है. जिसके कारण चिकित्सक रोगियों के नशे की लत छुड़ाने में चिकित्सकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं गंभीर स्थिति में […]

मुंगेर : शराबियों को नशा से मुक्त करने व उनके स्वास्थ्य की देखभाल के उद्देश्य से सदर अस्पताल में खोले गये नशा मुक्ति केंद्र में अभी दवाओं का अभाव है. जिसके कारण चिकित्सक रोगियों के नशे की लत छुड़ाने में चिकित्सकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं गंभीर स्थिति में मरीजों को देखने के लिए स्टाफ नर्सों की भी भारी कमी है. नतीजतन स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य यहां पर खोखली नजर आ रही है.

समुचित दवाओं की नहीं है व्यवस्था . नशा मुक्ति केंद्र में दवाओं का घोर अभाव है. अस्पताल सूत्रों की मानें तो यहां हर हाल में 20 प्रकार की दवा होनी चाहिए. किंतु वर्तमान समय में सिर्फ 10 प्रकार की दवाएं उपलब्ध है. मरीजों को आपात स्थिति में दी जाने वाली कई महत्वपूर्ण दवा व इंजेक्शन यहां उपलब्ध नहीं हैं.
जो आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को बाहर से खरीदना पड़ सकता है.
रविवार को नहीं पहुंचे एक भी मरीज. नशा मुक्ति केंद्र पर सप्ताह के सातों दिन व 24 घंटे सेवा बहाल की गयी है. किंतु रविवार को यहां एक भी मरीज इलाज कराने नहीं पहुंचे. जिसका मुख्य कारण प्रचार- प्रसार का अभाव बताया जा रहा है. वैसे अब तक जो मरीज पहुंचे हैं, उनकी संख्या भी हास्यास्पद है. पहले दिन शुक्रवार को इलाज के लिए यहां चार मरीज पहुंचे, जबकि दूसरे दिन शनिवार को भी मात्र चार ही मरीज इलाज कराने पहुंचे. वहीं अब तक एक भी मरीज को यहां भरती नहीं किया गया है.
जिले में चिह्नित 3215 नशेड़ी .
शराब बंदी अभियान को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं से नशेडि़यों को चिह्नित किया गया है. जिसकी संख्या जिले भर में 3215 है. इनमें से 225 महिलाएं है. जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इस उद्देश्य से नशेडि़यों को चिह्नित किया गया है कि उन्हें प्रेरित कर उसके शराब व अन्य नशे की लत को छुड़ाया जा सके. किंतु ऐसा होता प्रतीत नहीं दिख रहा है.
आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर लाखों रुपये खर्च कर नशा मुक्ति केंद्र तैयार तो हो गया. किंतु इसके उद्देश्य पूरे होते नहीं दिख रहे हैं. अब तक जो भी मरीज नशा मुक्ति केंद्र पर इलाज कराने पहुंचे हैं, उन्हें किसी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रेरित नहीं किया गया है. प्रचार- प्रसार के अभाव एवं स्वास्थ्य कर्मियों के सुस्त रवैये के कारण मरीज नशा मुक्ति केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
जवाब देने से बच रहे अधिकारी. इस संबंध में जब नशा मुक्ति केंद्र पर तैनात चिकित्सक डॉ फैजउद्दीन से दवाओं के अभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसके नोडल पदाधिकारी डॉ अताउर रहमान से बात करने को कहा. किंतु जब नोडल पदाधिकारी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने सिविल सर्जन से बात करने की नसीहत दे दी. वहीं जब सिविल सर्जन से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया गया. दुबारा कॉल करने पर मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया.

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