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बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है नक्सली

मुंगेर : माओवादी के शीर्ष नेता चिराग दा के मारे जाने के बाद माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है. माओवादियों के इस मंसूबे को पिछले दिनों लखीसराय के लठिया कोल की घटना से काफी बल मिला है. क्योंकि लठिया कोल में पुलिस द्वारा आदिवासियों के दमन के बाद क्षेत्र के […]

मुंगेर : माओवादी के शीर्ष नेता चिराग दा के मारे जाने के बाद माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है. माओवादियों के इस मंसूबे को पिछले दिनों लखीसराय के लठिया कोल की घटना से काफी बल मिला है. क्योंकि लठिया कोल में पुलिस द्वारा आदिवासियों के दमन के बाद क्षेत्र के आदिवासी माओवादियों को सहयोग कर रहे. नक्सली अपने नेता बीरबल मुर्मू उर्फ बीरबल दा को छुड़ाने की एक बड़ी साजिश रच रही है. जिसके लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को कभी निशाना बनाया जा सकता है.

कौन है बीरबल दा . पूर्व बिहार में माओवादी संगठन को मजबूत बनाने में बीरबल दा का महत्वपूर्ण हाथ रहा है. उनमें संगठन विस्तार की क्षमता है. वह कई महत्वपूर्ण नक्सली घटना में शामिल भी रहा है. जिसे एसटीएफ एवं पुलिस के जवानों ने ट्रेन से नाथनगर के समीप गिरफ्तार किया था.
वह मुंगेर में हुए कई नक्सली हमलों में शामिल है. जिसमें मुंगेर पुलिस को उसकी तलाश थी. विधानसभा चुनाव के समय मुंगेर मंडल कारा से उसे स्थानांतरित कर सेंट्रल जेल भागलपुर भेज दिया गया था.
बीरबल को छुड़ाने में लगे नक्सली . बीरबल दा को छुड़ाने के लिए नक्सली किसी बड़े प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी को अपना शिकार बना सकते है. जिसके लिए नक्सली लगातार अपने नेटवर्क को चार्ज कर रहे. साथ ही अधिकारियों की रेकी भी कर रहे. पिछले दिनों तो एक अधिकारी की रेकी भी कर ली गयी. नक्सलियों का एक दस्ता धरहरा में ट्रेन से उतरा और पहाड़ पर चढ़ गया. दस्ता में कई महिलाएं भी शामिल थी. पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उक्त पुलिस अधिकारी को रात भर मुंगेर परिसदन में रखा गया और उसका मुंगेर से स्थानांतरण भी कर दिया गया. नक्सली तो घटना को अंजाम नहीं दे पाये. लेकिन अबतक वे धरहरा एवं आस-पास के पहाड़ों पर अपना डेरा डाले हुए है. नक्सली ऐसे अधिकारी को बंधक बनाना चाहते है जिसके बल पर जेल से बीरबल दा को मुक्त कराया जा सके.
लठिया कोल की घटना को भुना रहे नक्सली . मुंगेर सीमा से आठ किलो मीटर अंदर लखीसराय के लठिया कोल में धरहरा थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक भवेश कुमार की कथित नक्सली हमले में मारे जाने में जो प्राथमिकी दर्ज हुई है. उसमें नक्सलियों के साथ ही कई ग्रामीणों को भी अभियुक्त बनाया गया है. जिसके बाद नक्सली सक्रिय हो गये और ग्रामीणों को पुलिस द्वारा किये गये केश के प्रति जागरूक कर रहे हैं. नक्सली ग्रामीणों से कह रहे है कि जब आप लोगों ने कुछ किया नहीं फिर भी आप लोगों को फंसा दिया. यह पुलिसिया जुल्म है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक . ुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि लठियाकोल घटना का अनुसंधान लखीसराय पुलिस कर रही है. जबकि बीरबल दा सेंट्रल जेल भागलपुर में बंद है. पुलिस द्वारा धरहरा, खड़गपुर, भीमबांध पहाड़ व जंगल में लगातार नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

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