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कालाजार पर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला

बरियारपुर प्रखंड के 50 आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण मुंगेर : केंद्रीय दवा भंडार परिसर में बुधवार को कालाजार को लेकर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने की. कार्यशाला में बरियारपुर प्रखंड की 50 आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार से बचाव को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. […]

बरियारपुर प्रखंड के 50 आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

मुंगेर : केंद्रीय दवा भंडार परिसर में बुधवार को कालाजार को लेकर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने की. कार्यशाला में बरियारपुर प्रखंड की 50 आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार से बचाव को लेकर प्रशिक्षण दिया गया.
मलेरिया निरीक्षक संजय कुमार ने बताया कि कालाजार एक घातक बीमारी है. इस बीमारी की प्रगति काफी धीमी गति से होती है. अगर समय पर इसका उपचार नहीं किया जाय तो साल के भीतर ज्यादातर मरीजों की मृत्यु हो जाती है. यह बीमारी आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में पायी जाती है. जहां लोग झोपडि़यों में मिट्टी के कच्चे घरों में रहते हैं और अपने आसपास मवेशियों को रखते हैं. वर्तमान समय में यह बीमारी देश के चार राज्यों के 54 जिलों में व्याप्त है.
देश भर में सबसे अधिक 70 प्रतिशत मलेरिया के मरीज सिर्फ बिहार में पाये गये हैं. बिहार का 33 जिला में इस बीमारी का प्रकोप है. केयर इंडिया के आदित्य कुमार ने कहा कि कालाजार लिश्मैनिया डोनोवनाई नामक परजीवी के कारण होता है, जो मादा बालू मक्खी के काटने से फैलता है. बालू मक्खी आकार में बहुत छोटी होती है,
जिसे खुली आंखों से आसानी से नहीं देखी जा सकती. यह मक्खी कम तापमान तथा अंधेरे जगहों पर पाये जाते है, जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है. मौके पर उपस्थित इंडिया केयर के लिंक वर्कर पवन कुमार व अमरेश कुमार ने भी आशा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया.

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