मुंगेर : सदर अस्पताल के मेन गेट में पिछले तीन दिनों से ताला लगे रहने के कारण मरीजों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं खोला जा रहा है. जबकि जिस कार्य के लिए मेन गेट को लगाया गया था. वह कार्य दो दिन पूर्व ही संपन्न हो गया.
अस्पताल परिसर में पिछले डेढ़ साल से जल जमाव की स्थिति दिन प्रतिदिन विकराल होते जा रही थी. जलजमाव का कारण पीएचइडी विभाग द्वारा वाटर सप्लाई के पाइप का लिकेज था. जल जमाव की समस्या से निजात पाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को नगर निगम का सहारा लेना पड़ा. जिसके कर्मियों द्वारा अस्पताल के मेन गेट को बंद कर वाटर सप्लाई के पाइप की खोज के लिए जमीन की खुदाई आरंभ की गयी. वाटर सप्लाई के पाइप को ढूंढ़ कर लिकेज को तो रोक दिया गया.
किंतु उसके बाद से मेन गेट को नहीं खोला गया है. जिसके कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि मरीजों व वाहनों के आवाजाही के लिए पुराने दरवाजे को खोला गया है. किंतु मेन गेट पर गेट बंद रखने के कारण की किसी भी प्रकार की सूचना उक्त स्थान पर नहीं लगाया गया है. नतीजतन लोग आनन फानन में मरीज को अस्पताल में भरती कराने के लिए जैसे ही मेन गेट पर पहुंचते हैं, वैसे ही गेट को बंद देख वे बौखला जाते हैं.
उन्हें यह समझ में नहीं आता है कि वह अपने मरीज को अस्पताल के अंदर कैसे प्रवेश करावें. स्थानीय लोगों से पूछने के बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश करने का रास्ता मालूम हो पाता है.कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि मेन गेट के सामने वाटर सप्लाई के पाइप की खोज के लिए जमीन खुदाई के दौरान गेट को बंद किया गया था.
जिसके कारण अस्पताल के दूसरे गेट को खोला गया. दूसरा गेट काफी पुराना व जीर्णशीर्ण हो चुका था. जिस कारण से उसे मरम्मती के लिए भेजा गया है. एक साथ दोनों गेट को खुला रखना सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक हो सकता है. जैसे ही पुराना गेट बन कर आयेगा. मेन गेट को खोल दिया जायेगा.