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निबटे10,978 मामले

मुंगेर : जिला सत्र न्यायाधीश सुषमा सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक उत्सव है. जिसमें वर्षों के लंबित मामले को बिना खर्च के ही निष्पादन किया गया है. उन्होंने लोगों से सुलह योग्य वाद में आपसी समझौते के आधार पर मुकदमा से मुक्ति पाने की अपील की. लोक अदालत में मुकदमों के निष्पादन […]

मुंगेर : जिला सत्र न्यायाधीश सुषमा सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक उत्सव है. जिसमें वर्षों के लंबित मामले को बिना खर्च के ही निष्पादन किया गया है. उन्होंने लोगों से सुलह योग्य वाद में आपसी समझौते के आधार पर मुकदमा से मुक्ति पाने की अपील की. लोक अदालत में मुकदमों के निष्पादन के लिए हजारों लोग उपस्थित हुए. भीड़ इतनी अधिक थी कि कई बार धक्कम-धुक्कम की स्थिति बनी रही.

मुकदमे के निष्पादन के लिए 17 बेंच बनाये गये थे. जहां अलग-अलग पीठासीन पदाधिकारी द्वारा आपसी समझौते के आधार पर मामलों का निष्पादन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 13 हजार 637 मामले आये. जिसमें कुल 10,978 मामलों का निष्पादन समझौते के आधार पर किया गया. जिसमें सबसे अधिक मामले बैंकिंग संबंधी निष्पादित किये गये.

वहीं विभिन्न मामलों लगभग 4 करोड़ रुपये से अधिक का सेटलमेंट किया गया. उनमें से लगभग एक करोड़ रुपये की रिकवरी भी की गयी. तारापुर/हवेली खड़गपुर से प्रतिनिधि के अनुसार तारापुर अनुमंडल के सभा भवन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया. अनुमंडल पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार भारती ने 38 मामलों का निष्पादन समझौता के आधार किया. दंड प्रक्रिया संहिता 107 के आधार पर चल रहे मुकदमों का भी निष्पादन किया गया.

मौके पर भूमि सुधार उपसमाहर्ता पुष्पेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. हवेली खड़गपुर अनुमंडल कार्यालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 200 मामलों का निष्पादन किया गया. जिसमें दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 107 के 60 मामले, पेंशन संबंधी 140 मामले का निष्पादन किया गया.

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