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छह वर्षों बाद राज्य मंत्रिमंडल में मिला मुंगेर को स्थान

मुंगेर : छह वर्षों बाद राज्य मंत्रिमंडल में शुक्रवार को मुंगेर जिले को प्रतिनिधित्व मिला है. जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार शानदार जीत दर्ज कराने वाले शैलेश कुमार ने नीतीश कुमार के पांचवें मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली. उनके मंत्री बनने से मुंगेर जिले की लंबित परियोजनाएं पूरी होगी और जनआकांक्षाओं […]

मुंगेर : छह वर्षों बाद राज्य मंत्रिमंडल में शुक्रवार को मुंगेर जिले को प्रतिनिधित्व मिला है. जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार शानदार जीत दर्ज कराने वाले शैलेश कुमार ने नीतीश कुमार के पांचवें मंत्रिमंडल में मंत्री पद की शपथ ली. उनके मंत्री बनने से मुंगेर जिले की लंबित परियोजनाएं पूरी होगी और जनआकांक्षाओं के अनुरूप विकास को गति मिलेगी.

शैलेश कुमार का प्रोफाइल मंत्री : शैलेश कुमार पिता : सुरेश कुमार सिंह घर : बरियारपुर, थाना – बरियारपुर, जिला : मुंगेर शैक्षणिक योग्यता : स्नातकोत्तर (इतिहास) * राजनीतिक कैरियर : राजनीति में प्रवेश 1986 में छात्र जीवन से * वर्ष 1995 में पहली बार समता पार्टी के टिकट से लड़ा चुनाव (हारे) * वर्ष 2000 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ा चुनाव ( हारे) * वर्ष 2005 में जदयू के टिकट से पहली बार जमालपुर के विधायक बने.

लगातार चौथी बार बने विधायक नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री बने शैलेश कुमार 2005 से लगातार चौथी बार विधायक बने हैं. वे पहली बार 2005 के फरवरी में राज्य के तत्कालीन मंत्री उपेंद्र प्रसाद वर्मा को पराजित कर विधायक बने थे और फिर उसी वर्ष नवंबर में हुए चुनाव में जीत दर्ज करायी थी. वे पुन: 2010 में लोजपा प्रत्याशी को पराजित कर विजयी हुए थे.

जबकि इस बार 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा प्रत्याशी हिमांशु कुमार को पराजित कर चौथी बार जीत का रिकॉर्ड बनाया है. विरासत में मिली राजनीति मंत्री शैलेश कुमार को राजनीति विरासत में मिली. उनके पिता सुरेश कुमार सिंह जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे थे. सुरेश कुमार सिंह पहली बार 1972 में जनसंघ के टिकट पर विधायक बने थे और पुन: 1977 में भी इस सीट पर अपनी कब्जा बरकरार रखा था.

शैलेश कुमार अपने पिता सुरेश कुमार सिंह के इकलौते पुत्र हैं. बरियारपुर में हुई थी प्रारंभिक शिक्षा शैलेश कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बरियारपुर के सरकारी विद्यालयों में ही हुई थी. वे 1977 में फिलिप उच्च विद्यालय बरियारपुर से माध्यमिक की परीक्षा पास की थी. जबकि भागलपुर विश्वविद्यालय के साहेबगंज कॉलेज साहेबगंज से 1980 में इंटरमीडिएट व इसी कॉलेज 1982 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी.

बाद में वे मुंगेर के प्रसिद्ध आरडी एंड डीजे कॉलेज से 1984 में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण हुए थे. राजनीतिक जीवन रहा संघर्षपूर्ण शैलेश कुमार का राजनीतिक पृष्ठभूमि काफी संघर्षपूर्ण रहा है. वे 1986 में छात्र जीवन से राजनीति में प्रवेश किये और उसके बाद लगातार संघर्ष करते रहे. वे समता पार्टी में नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक पारी प्रारंभ की और 1995 में समता पार्टी के टिकट से चुनाव भी लड़े थे. किंतु उस चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी.

बाद में वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के अंतर विरोध के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला. किंतु वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और दूसरे स्थान पर रहे थे. बाद में जब समता पार्टी से अलग होकर नीतीश कुमार ने जनता दल यू का गठन किया तो शैलेश उनके साथ रहे और 2005 के फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू ने उन्हें टिकट दिया. जिसमें पहली बार वे विधायक बने. तब से लगातार अबतक वे जमालपुर सीट पर काबिज रहे हैं.

छह वर्षों बाद मुंगेर को मिला मंत्री एक समय लालू मंत्रिमंडल में मुंगेर जिले के चारों विधायक मंत्री हुआ करते थे. जमालपुर के विधायक उपेंद्र प्रसाद वर्मा, मुंगेर के डॉ मोनाजिर हसन, खड़गपुर के जयप्रकाश नारायण यादव एवं तारापुर के शकुनी चौधरी मंत्री थे. लेकिन 2005 के विधानसभा चुनाव के बाद जब नीतीश कुमार की सरकार आयी तो मुंगेर का प्रतिनिधित्व 4 से घटकर 1 पर पहुंच गया और सिर्फ मुंगेर के विधायक मोनाजिर हसन को मंत्री पद मिला.

जब 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान मोनाजिर हसन को जदयू ने बेगूसराय से टिकट देकर संसद भेजा तो मुंगेर जिला मंत्रीविहीन हो गया. 2010 के विधानसभा चुनाव में मुंगेर से अनंत कुमार सत्यार्थी, जमालपुर से शैलेश कुमार एवं तारापुर से नीता चौधरी विधायक बनी. किंतु इनमें से किन्हीं को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला.

पुन: 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद शुक्रवार को गठित राज्य मंत्रिमंडल में शैलेश कुमार को ग्रामीण कार्य विभाग का मंत्री बनाया गया है. लंबित योजनाओं को मिलेगी गति शैलेश कुमार के मंत्री बनने से मुंगेर जिले में लंबित परियोजनाओं को गति मिलेगी.

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2007 में अपने विकास यात्रा के दौरान जो मुंगेर में इंजीनियरिंग व पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की घोषणा की थी वह वर्तमान में लंबित है. इसके साथ ही बरियारपुर का रेलवे ओवरब्रिज व घोरघट ब्रिज का निर्माण कार्य भी भूमि अधिग्रहण के पेंच में फंसा है. इन योजनाओं के शीघ्र पूरा होने की आस बढ़ गयी है.

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