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दुआ के साथ खानकाह रहमानी का दो दिवसीय सालाना फातिया संपन्न

मुंगेर : खानकाह रहमानी में दो दिवसीय सालाना फातिहा रविवार को हजरत मौलाना वली रहमानी द्वारा किये गये दुआ के साथ ही संपन्न हो गया. जलसा समापन के मौके पर खानकाह रहमानी के अगले उत्तराधिकारी के रूप में अलहजा प्रो. अहमद फैजल रहमानी को नियुक्त किया गया. इस फातिहा में देश के अलग-अलग राज्यों से […]

मुंगेर : खानकाह रहमानी में दो दिवसीय सालाना फातिहा रविवार को हजरत मौलाना वली रहमानी द्वारा किये गये दुआ के साथ ही संपन्न हो गया. जलसा समापन के मौके पर खानकाह रहमानी के अगले उत्तराधिकारी के रूप में अलहजा प्रो. अहमद फैजल रहमानी को नियुक्त किया गया.

इस फातिहा में देश के अलग-अलग राज्यों से लगभग 40 हजार लोगों ने भाग लिया.रविवार की सुबह सबसे पहले कुरानखानी हुई. जिसमें कारी अब्दुल कॉजी, कारी मंजर अकील, कारी जौहर नियाजी, कारी जाबिर हुसैन एवं कारी खुर्शीद अकरम ने मुख्य रूप से भाग लिया. कुरानखानी के बाद दरुद सरीफ पढ़ा गया.

दिन में लगभग ग्यारह बजे खानकाह रहमानी के सज्जादा नसीन हजरत मौलाना वली रहमानी ने खानकाह रहमानी से अकीदत रखने वाले वैसे लोग जो अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनकी आत्माओं की शांति के लिए भी दुआ की गयी. वहीं मौजूदा लोगों के सुख- चैन, मुल्क की हिफाजत, इत्तेहाद व अमन के लिए दुआ की गयी. हजरत साहब से लोगों ने किया मुसाफाकुरान पाठ के बाद देश के अलग- अलग राज्यों से आये अकीदतमंदों ने हजरत मौलाना वली रहमानी से मिल कर मुसाफा किया.

साथ ही पानी व तेल को उनसे पढ़वा कर अपने साथ ले गये. जलसे में आये लोगों का मानना है कि हजरत साहब द्वारा पढ़े गये पानी व तेल घर के बीमारों को चंगा करने में काम आता है. खानकाह रहमानी के उत्तराधिकारी की घोषणा खानकाह रहमानी में समापन के मौके पर हजरत मौलाना वली रहमानी ने अगले सज्जादा नसी ( उत्तराधिकारी ) के रूप में अपने बड़े पुत्र अलहजा प्रो. अहमद फैजल रहमानी को नियुक्त किया.

जिसका पटना के मौलाना अनिसुर रहमान, माले गांव के मौलाना उमरैन महफूज, इंदौर के मुफ्ती जकाउल्लाह, कर्नाटक के मौलाना आरीफ रहमानी, मौलाना मो. नईम रहमानी, मौलाना अब्दुल सलाम रहमानी, बेगूसराय के मौलाना नूरउल्लाह रहमानी, जमुई के मास्टर निसार अहमद, जामा मस्जिद के प्रवक्ता मो. इमतियाज रहमानी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया.-हयाते वली पुस्तक का विमोचनफोटो संख्या : पुस्तक का विमोचन मुंगेर : समापन के मौके पर रविवार को हजरत मौलाना वली रहमानी ने ‘ हयाते वली ‘ नामक पुस्तक का विमोचन किया. इस पुस्तक के लेखक का नाम शाह इमरान हसन है.

विमोचन के बाद पुस्तक के कवर पेज का एक बड़ा फ्रेमिंग पुस्तक की दुकान के नजदीक लगाया गया. कवर पेज का फ्रेमिंग लोगों को काफी आकर्षित कर रहा था. जम कर उठाया परदेसी व्यंजनों का स्वादमुंगेर : जलसे में शामिल अलग-अलग राज्यों के हजारों लोगों ने परदेसी व्यंजनों का जम कर स्वाद लिया. कोई लखनवी पराठे तो कोई यूपी के पराठे की तारीफ कर रहे थे.

लच्छा पराठा व हलुवे के स्वाद पर फिदा थे. अपने- अपने घर वापसी के दौरान लोगों ने जलसे में बिक रहे शॉल, चादर, कंबल, रजाई, लुंगी, टोपी व विभिन्न प्रकार की मिठाइयां सौगात के तौर पर खरीद कर ले जा रह थे.

जलसे में आने से पूरी होती हैं मुरादें-पूरी होती हैं मुरादेंफोटो : मो. इजहारुल हुसैनमुंगेर : बंगाल के इस्लामपुर निवासी मो. इजहारुल हुसैन ने कहा कि खानकाह रहमानी के जलसे में आने से मन की मुरादें पूरी होती है. यह सिलसिला हमारे पूर्वजों से ही चला आ रही है.

होती है दीन की बातें फोटो : मो. ईसा रहमानीमुंगेर : सुपौल जिला के निर्मली निवासी मो. ईसा रहमानी ने कहा कि यहां दीन की बातें होती है. लोगों को यहां नेक रास्ते पर चलने की हिदायत दी जाती है. जलसे में अमन व भाईचारे का माहौल बनाने की बातें की जाती है.

इसलाह करने आते हैं यहांफोटो : मिन्नतुल्लाह रहमानीमुंगेर : समस्तीपुर जिला के भरीहार निवासी मिन्नतुल्लाह रहमानी ने कहा कि लोग यहां अपने आप की इसलाह करने आते हैं. यहां के बुजुर्गों के बताये रास्ते पर चलने की हिदायत मिलती है.-40 वर्षों से आ रहा हूं

जलसे मेंफोटो : मो. हबीबुर रहमानमुंगेर : अररिया जिले के डुमरिया निवासी मो. हबीबुर रहमान ने बताया कि वे पिछले 40 वर्षों से खानकाह रहमानी में आयोजित होने वाले जलसे में आ रहे हैं. यहां आने से दिल को सुकुन मिलता है. साथ ही दीनी दुनियावी फायदा होता है.

मिल्लते इस्लामिया का मिलता है संदेशफोटो : अब्दुल सत्तार रहमानीमुंगेर : झारखंड के गड्डा निवासी अब्दुल सत्तार ने कहा कि यहां मिल्लते इस्लामिया व समाज के भलाई का संदेश मिलता है.

यहां मिलने वाले बुजुर्गों के उपदेश को वे समाज में फैलाते हैं. यहां आने से आत्मा को मिलती है शांतिफोटो : मुफ्ती मो. रिजवान कासमीमुंगेर : मरकजी जमीअत उलेमा सीमांचल के अध्यक्ष मुफ्ती मो. रिजवान कासमी ने बताया कि वे पिछले 24 साल से यहां आ रहे हैं. यहां आने से आत्मा को शांति मिलती है. यहां बुजुर्गों द्वारा मिलने वाले समाज सुधारक शिक्षा को वे अपने तौर पर फैलाने की कोशिश करते हैं.–

बुजुर्गों की दुआ बचाती है बुराइयों सेफोटो : मो. रिजाउद्दीन रहमानीमुंगेर : उड़ीसा के कटक स्थित दारूलकजा निवासी मो. रिजाउद्दीन रहमानी ने बताया कि वे पिछले 45 साल से खानकाह रहमानी आ रहे हैं. यहां के बुजुर्गों की दुआ उन्हें बुराइयों से बचाती है तथा बुनियादी खुशहालियों से नवाजती है.

इमान की होती है हिफाजतफोटो : मुफ्ती मो. जकाउल्लाहमुंगेर : मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी मुफ्ती मो. जकाउल्लाह ने बताया कि अपने इमान की हिफाजत के लिए वे हर साल इस जलसे में शामिल होते हैं. यहां के बुजुर्गों के पैगाम को वे आवाम में तालीम देते हैं.

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