मुंगेर : जिला पशु अस्पताल के सरकारी क्वार्टर में सेवानिवृत्ति के बाद भी कर्मचारी कब्जा जमाये हुए है. पशुपालन विभाग के प्रधान लिपिक वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हो गये. बावजूद वे अबतक सरकारी क्वार्टर में रह रहे.
अलबत्ता यह कि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि वे शास्त्री नगर में अपना मकान बना रहे. मकान बनते ही वे सरकारी क्वार्टर को छोड़ कर अपने निजी भवन में चले जायेंगे. क्वार्टर की स्थिति जर्जर पशुपालन विभाग के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए बना क्वार्टर जर्जर बना हुआ है. जिसका लाभ पशु अस्पताल में कार्यरत कर्मियों को नहीं मिल पा रहा और भवन धूल फांक रहा है. जबकि विभाग ने कर्मचारियों को ड्यूटी करने के साथ ही यहां रहने की भी व्यवस्था दी है.
लेकिन जर्जर क्वार्टर में कोई कर्मचारी में रहना नहीं चाहता. क्वार्टर में रह रहे सेवानिवृत्त कर्मी जिला पशु अस्पताल में कार्यरत डीएचओ के बड़ा बाबू मटुकदेव प्रसाद वर्ष 2013 के अप्रैल माह में सेवानिवृत्त हो गये. तब से आजतक वे भगत सिंह चौक के समीप बने सरकारी क्वार्टर में ही रह रहे हैं और शेष अन्य क्वार्टर में ताला लगा है.
क्वार्टर में है भंडार गृह भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमलेदव यादव ने कहा कि भवन के अभाव में क्वार्टर को दवा भंडार गृह बनाया गया है.
जिसे मॉडीफाइड किया गया है और दवा खरीद होने पर उसी भंडार गृह में दवा को रखा जाता है. कहते हैं पशु शल्य चिकित्सक पशु शल्य चिकित्सक डॉ भानू शंकर ने बताया कि (डीएचओ) बड़ा बाबू मटुकदेव प्रसाद रिटायर कर चुके हैं. वे अपना नया घर बना रहे हैं. दिसंबर में गृह प्रवेश करने के बाद वे क्वार्टर खाली कर देंगे.