विश्वयोगसम्मेलनकाचौथादिन
।। अजय कुमार ।।
मुंगेर : विश्व योग सम्मेलन में कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बेटियों को बचाने का संकल्प लेते हुए कहा गया कि महिला सम्मान से ही विश्व का भला होगा. इसके बिना सब कुछ अधूरा है. सम्मेलन में हर तरह के नशा को छोड़ने का आह्वान किया गया. आज के कार्यक्रम को पाकिस्तान, तुर्की सहित 70 देशों के हजारों लोगों ने इंटरनेट के जरिये देखा.
मुंगेर में चल रहे विश्व योग सम्मेलन के चौथे दिन पुष्कर पीठ से आये स्वामी अचलानंद गिरी ने मनुष्यता की रक्षा के लिए बेटियों को बचाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि बेटियों को मत मारो. इससे आदमियत ही नहीं मरती, बल्कि सभ्यता मरती है. उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए हमें संकल्प लेना होगा. हमें इस मानसिकता का त्याग करना होगा कि बेटियां बोझ हैं.
विश्व योग सम्मेलन : योग से ही परम सुख की प्राप्ति
बेटियां बोझ नहीं, वह सम्मान के काबिल हैं.नारियों की महत्ता पर रोशनी डालते हुए उन्होंने कहा कि समान दर्जा के बगैर किसी समाज की प्रगति संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में दुर्गा, सरस्वती, चंडी, काली को सम्मान दिया गया है. यह आज की बात तो नहीं. वे सदियों से पूजी जाती रही हैं. इसका अर्थ है कि हमारे समाज ने उन्हें प्रतिष्ठा दी. वही मान–प्रतिष्ठा आज भी बेटियों को देने की जरूरत है.
इसके अभाव में समाज अधूरा रहेगा. स्वामी ने मां को पहला गुरु और पिता को दूसरा गुरु बताया. उन्होंने कहा कि माता–पिता के आशीर्वाद के बिना आदमी बड़ा नहीं बन सकता. पैसा चाहे जितना भी कमा लो, पर मां–बाप के आशीर्वाद के बिना बड़ा आदमी नहीं बन सकते. उन्होंने कहा कि हम विचारों व संस्कारों में बड़ा आदमी होने की बात कर रहे हैं.