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लौटी बाजार में रौनक, खरीदारों की चहलकदमी हुई तेज

लौटी बाजार में रौनक, खरीदारों की चहलकदमी हुई तेज फोटो संख्या : 1,2फोटो कैप्सन : कपड़े व जूता-चप्पे की दुकान पर खरीदारी करते लोग प्रतिनिधि, मुंगेरएक ओर जहां बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर बाजार में वीरानी छायी हुई थी. वहीं मुंगेर में चुनाव संपन्न होते ही मंगलवार को बाजार में रौनक लौट आयी. दुर्गा […]

लौटी बाजार में रौनक, खरीदारों की चहलकदमी हुई तेज फोटो संख्या : 1,2फोटो कैप्सन : कपड़े व जूता-चप्पे की दुकान पर खरीदारी करते लोग प्रतिनिधि, मुंगेरएक ओर जहां बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर बाजार में वीरानी छायी हुई थी. वहीं मुंगेर में चुनाव संपन्न होते ही मंगलवार को बाजार में रौनक लौट आयी. दुर्गा पूजा की तैयारी को लेकर बाजार में अब खरीदारों की चहलकदमी भी तेज हो गयी है. कपड़ों की खरीदारी को उमड़ी भीड़दुर्गा पूजा के मौके पर हिंदू धर्मावलंबियों में परिवार के प्रत्येक सदस्य नये-नये कपड़े पहन कर हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाते हैं. जिसके कारण बाजारों में कपड़ों का डिमांड काफी बढ़ जाता है. कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को भी बाजार में देखने को मिला. अमीर हो या गरीब हर तबके के लोग बाजार में कपड़ों की खरीदारी करने में मशगूल पाये गये.जूते-चप्पल व श्रृंगार वस्तुओं की बढ़ी मांगदुर्गा पूजा के आरंभ होते ही बाजार में जूते- चप्पल व श्रृंगार की वस्तुओं का डिमांड काफी बढ़ गया है. वैसे तो बड़े-बड़े जूते व चप्पल की दुकानों में खरीदारों की भीड़ अचानक बढ़ गयी है. किंतु फुटपाथों पर भी लगने वाले दुकानें भी खाली नजर नहीं आ रही. त्योहार के बहाने लोग बड़े ही शौक से नये-नये जूते व चप्पलों की खरीदारी कर रहे हैं. कई दुकानों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के ऑफर व उपहारों की भी होड़ लगी हुई है.———————–बॉक्स———————-शुरुआत में ही मिलता है खरीदारी का मजा मुंगेर : दुर्गा पूजा के मौके कपड़े व अन्य जरूरत की सामग्री की खरीदारी को लेकर खरीदारों की अलग- अलग राय है. शहर के वासुदेवपुर निवासी संगीता देवी ने बताया कि किसी विशेष उपलक्ष्य पर खरीदारी का मजा शुरुआती दौड़ में ही मिलती है. पूरबसराय निवासी सुनीता देवी ने कहा कि कपड़ों की खरीदारी पहले ही कर लेना चाहिए. बाद में तो सिर्फ छटा हुआ माल रह जाता है. कासिम बाजार निवासी अंजली देवी ने बताया कि कपड़ों की खरीदारी के लिए बच्चे शोर मचाने लगते हैं. मजबूर पूजा आरंभ होते ही वे अपने बच्चों को कपड़े खरीद देती है. बांक निवासी बेबी देवी ने कहा कि मेला की नजदीकी बढ़ने के साथ-साथ कपड़े व अन्य वस्तुओं की कीमत बढ़ा दी जाती है. इसलिए शुरुआती दौड़ में ही कपड़े, जूते- चप्पल व अन्य सामग्री की खरीदारी कराना बेहतर होता है.

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